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राजस्थान ने नए एक्सप्रेस-वे की पहचान के लिये टास्क फोर्स नियुक्त की
चर्चा में क्यों ?
हाल ही में राजस्थान सरकार ने यातायात की तेज़ आवाजाही के लिये अधिक शहरों को सड़कों के नेटवर्क से जोड़ने के लिये नए एक्सप्रेस-वे की पहचान करने हेतु एक टास्क फोर्स नियुक्त की है।
मुख्य बिंदु:
- नए एक्सप्रेस-वे व्यक्तियों और वस्तुओं के निर्बाध परिवहन की सुविधा प्रदान करेंगे तथा राज्य में मार्गों पर पर्यटन एवं आर्थिक विकास को बढ़ाएँगे।
- टास्क फोर्स नए एक्सप्रेस-वे के निर्माण की संभावनाओं पर गौर करने के बाद छह माह के भीतर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
- वे अपने कार्य के निष्पादन के दौरान विषय विशेषज्ञों की राय लेंगे।
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‘किसान साथी’ पोर्टल
चर्चा में क्यों?
कृषि क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के उपयोग के साथ, 'किसान साथी' पोर्टल ने राजस्थान में किसानों के लिये एकल खिड़की मंच के रूप में कार्य करना शुरू कर दिया है।
मुख्य बिंदु:
- IT अनुप्रयोगों ने कृषकों के लिये विभिन्न सरकारी योजनाओं आवेदन करने और उन्हें उपलब्ध लाभों की निगरानी करने की प्रक्रिया को सरल बना दिया है।
- राज्य कृषि आयुक्त के अनुसार, अब तक 12 लाख से अधिक किसानों ने वेब पोर्टल का उपयोग किया है और कृषि, बागवानी, पशुपालन एवं कृषि विपणन योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं।
- कागज़ रहित कार्य से प्रक्रिया में तेज़ी आई और प्रणाली में पारदर्शिता आई।
- किसान साथी पोर्टल ने लगभग तीन लाख किसानों को ₹1,600 करोड़ के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की सुविधा प्रदान की है, जबकि ऑनलाइन सत्यापन की मदद से बड़ी संख्या में बीज, उर्वरक और कीटनाशक बेचने के लाइसेंस जारी किये गए हैं।
- "कृषि करने में आसानी" की पहल के रूप में वर्ष 2021 में लॉन्च किया गया पोर्टल कृषक समुदाय के लिये क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया है।
- किसानों के लिये विकसित किये गए मोबाइल ऐप्स ने उन्हें कृषि उपज के खरीदारों से जोड़ने हेतु नए प्लेटफॉर्म भी तैयार किये हैं।
- यह ऐप कृषि उपज के विक्रेताओं के पंजीकरण, बीज मिनी-किट के वितरण, जैव-खेती के लिये पंजीकरण और बीज एवं उर्वरक नमूनों को ऑनलाइन जमा करने के लिये सेवाएँ प्रदान कर रहे हैं।
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वायु शक्ति 2024
चर्चा में क्यों ?
राफेल लड़ाकू जेट और प्रचंड अटैक हेलिकॉप्टर सहित सभी फ्रंटलाइन विमान, 17 फरवरी को राजस्थान के जैसलमेर में पोखरण एयर टू ग्राउंड रेंज में आयोजित होने वाले भारतीय वायु सेना (IAF) अभ्यास वायु शक्ति में भाग लेंगे।
- यह एक त्रिवार्षिक अभ्यास है (प्रत्येक तीन वर्ष में एक बार) जिसका उद्देश्य भारतीय वायुसेना की पूर्ण स्पेक्ट्रम संचालन (दिन और रात) करने की क्षमता का प्रदर्शन करना और विमान, हेलीकॉप्टर, परिवहन विमान तथा मानव रहित हवाई वाहनों की भागीदारी देखना है।
मुख्य बिंदु:
- वायुशक्ति-2024 युद्धाभ्यास एक प्रमुख फायर पावर डेमोस्ट्रेशन के रूप में जैसलमेर में आयोजित होगा, जहाँ निर्दिष्ट लक्ष्यों पर विभिन्न मिसाइलों और बमों, जैसे– Su-30MKI, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस, मिराज 2000 तथा मिग-29 सहित सभी प्रमुख लड़ाकू विमान अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
- अभ्यास वायुशक्ति में भाग लेने वाले अन्य विमानों में राफेल, मिराज-2000, सुखोई-30 एमकेआई, जगुआर, हॉक, सी-130जे, चिनूक, अपाचे और एमआई-17 भी शामिल हैं। स्वदेशी रूप से निर्मित सतह से हवा में मार करने वाली हथियार प्रणालियाँ आकाश और समर घुसपैठ करने वाले शत्रुओं के विमान को ट्रैक करने तथा उसे मार गिराने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
- भारतीय वायुसेना द्वारा नियोजित अगला अभ्यास, गगनशक्ति अभ्यास है जिसमें संपूर्ण भारतीय वायुसेना लद्दाख से हिंद महासागर क्षेत्र और भुज से अरुणाचल प्रदेश तक सक्रिय हो जाएगी।
- अखिल भारतीय स्तर का अभ्यास गगनशक्ति, पाँच वर्ष में एक बार आयोजित किया जाता है।
- गगनशक्ति का संचालन भारतीय वायुसेना द्वारा हिंद महासागर क्षेत्र के संपूर्ण विस्तारित क्षेत्र पर अपने हवाई प्रभुत्व को प्रदर्शित करने के लिये किया जाता है।
राफेल:
- फ्रेंच ट्विन (जुड़वाँ) इंजन और मल्टीरोल लड़ाकू विमान।
- हवाई वर्चस्व, अंतर्विरोध, हवाई टोही, ज़मीनी समर्थन, तीव्र प्रहार, जहाज़-रोधी हमला और परमाणु निरोध मिशनों के लिये सुसज्जित।
सुखोई Su-30MKI:
- ट्विन-इंजन, दो-सीट, बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान रूस के सुखोई द्वारा विकसित और भारतीय वायुसेना के लिये भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा लाइसेंस के तहत निर्मित किया गया है।
- हवाई श्रेष्ठता, ज़मीनी हमले, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और समुद्री हमले जैसे मिशनों को पूरा करने के लिये डिज़ाइन किया गया।
तेजस
- HAL का तेजस एक बहुउद्देश्यीय हल्का लड़ाकू विमान है जिसे भारत की वैमानिकी विकास एजेंसी (ADA) द्वारा डिज़ाइन किया गया है।
- IAF को पहली Mk-1A तेजस की डिलीवरी मार्च 2024 में होगी।
MIG 29s
- यह एक ट्विन-इंजन वाला, मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसे 1970 के दशक में सोवियत रूस द्वारा विकसित किया गया था। तब से इसे अपग्रेड किया गया है।
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