उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश GeM को पूर्ण रूप से अपनाने वाला पहला राज्य बना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने अपनी खरीद प्रक्रिया को सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) के साथ पूरी तरह से एकीकृत कर दिया है।
मुख्य बिंदु
- उत्तर प्रदेश ने GeM को पूर्णतः अपनाकर अपनी दीर्घकालिक निविदा प्रणाली को समाप्त कर दिया है।
- इस एकीकरण के तहत सभी सेवा प्रदाताओं को, बुनियादी स्टेशनरी आपूर्तिकर्त्ताओं से लेकर आधिकारिक उपयोग के लिये स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (SUV) प्रदान करने वालों तक, केंद्र सरकार के नियमों का सख्ती से पालन करना अनिवार्य है।
- 26 नवंबर, 2024 को जारी व्यापक सरकारी आदेश 33 से अधिक पूर्व खरीद- संबंधी निर्देशों को रद्द कर देता है।
- यह कदम GeM प्रोटोकॉल का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करता है, त्रुटियों और दुरुपयोग की संभावना को कम करता है तथा एक मानकीकृत खरीद प्रक्रिया को बढ़ावा देता है।
- राज्य सरकार का अनुमान है कि GeM-आधारित खरीद की ओर इस परिवर्तन से सालाना 2,000 करोड़ रुपए से अधिक की बचत हो सकती है।
- यह प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और कुशल खरीद प्रक्रियाओं के माध्यम से प्राप्त किया जाता है।
- उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड ने 18 अटल आवासीय विद्यालयों के लिये गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढाँचा सामग्री खरीदने के लिये पहले ही GeM का लाभ उठाया है। फर्नीचर और IT उपकरण सहित ये सामग्री शीघ्रता से और प्रतिस्पर्द्धी कीमतों पर उपलब्ध कराई गई, जिससे शैक्षिक सुविधाओं के लिये उच्च मानक सुनिश्चित हुए।
- GeM को पूर्ण रूप से अपनाने से उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक खरीद प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता बढ़ने की आशा है।
- यह राज्य के व्यापक लक्ष्यों के अनुरूप है, जो कि व्यवसाय-अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देना तथा सरकारी कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
- यह पहल राज्य के महत्वाकांक्षी आर्थिक लक्ष्यों का भी समर्थन करती है तथा 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के इसके लक्ष्य में योगदान देती है।
- पारदर्शी खरीद के प्रति उत्तर प्रदेश की प्रतिबद्धता को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।
- राज्य को कुल ऑर्डर मूल्य और उच्चतम सेवा खरीद सहित विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये सम्मानित किया गया है।
सरकारी ई मार्केटप्लेस (GeM)
- GeM एक 100% सरकारी स्वामित्व वाला और राष्ट्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल है जो विभिन्न सरकारी विभागों / संगठनों / सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा आवश्यक सामान्य उपयोग की वस्तुओं और सेवाओं की ऑनलाइन खरीद की सुविधा प्रदान करता है।
- यह पहल वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा वर्ष 2016 में शुरू की गई थी।
- यह सरकारी उपयोगकर्त्ताओं की सुविधा के लिये ई-बोली, रिवर्स ई-नीलामी और मांग एकत्रीकरण के उपकरण प्रदान करता है, जिससे उनके पैसे का सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त होता है और सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और गति को बढ़ाया जाता है।
Switch to English