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राज्य के 19 ज़िलों में 27 पीएसए संयंत्रों का उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
6 अक्तूबर, 2021 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने राज्य के 19 ज़िलों में 27 पीएसए (Pressure Swing Adsorption) संयंत्रों सहित स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं और सुविधाओं का उद्घाटन किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राँची सदर अस्पताल में प्रति मिनट 100 लीटर ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता वाले पीएसए संयंत्र और रिम्स, राँची में कोबास 6800 मशीन का भी उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने अंगारा, गोंडलीपोकर में बाल चिकित्सा उच्च निर्भरता इकाई (PHDU) का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया। इस सुविधा की स्थापना योगदा सत्संग सोसाइटी ऑफ इंडिया के सहयोग से की गई है।
- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा कि राज्य के 19 ज़िलों में 27 स्थानों पर कोविड-19 की रोकथाम एवं उपचार के लिये पीएसए प्लांट का उद्घाटन प्रधानमंत्री केयर फंड के तहत किया गया है, वहीं जनता को रक्त संबंधी सभी तरह की सुविधाएँ मुहैया कराने हेतु रिम्स में सेंट्रल लैबोरेटरी का निर्माण किया गया है।
- उन्होंने कहा कि कोबास 6800 लैब की स्थापना से कोविड-19 के आरटी पीसीआर सैंपल की प्रतिदिन 1200 से अधिक जाँच की जाएगी। साथ ही न्यू ट्रॉमा सेंटर में 256 स्लाइस सीटी स्कैन लगाने से मरीज़ों को फेफड़ों के विश्लेषण की स्कैनिंग के अलावा उच्च गुणवत्ता वाली ब्रेन कोरोनरी, एंजियोग्राफी भी मिल सकेगी।
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राज्य के 6 ज़िलों में साइबर फोरेंसिक लैब
चर्चा में क्यों?
6 अक्तूबर, 2021 को झारखंड के सूचना प्रौद्योगिकी और ई-गवर्नेंस विभाग के अनुसार साइबर अपराधों से निपटने और साइबर स्पेस के इस्तेमाल से महिलाओं के खिलाफ अपराधों के अपराधियों का पता लगाने के लिये राज्य के छह ज़िलों में साइबर फोरेंसिक प्रयोगशालाएँ स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- आईटी और ई-गवर्नेंस विभाग के मुताबिक ये छह साइबर फोरेंसिक प्रयोगशालाएँ- देवघर, जमशेदपुर, जामताड़ा, पलामू, गिरिडीह और धनबाद में बनाई जाएंगी। उल्लेखनीय है कि जामताड़ा को भारत की ‘साइबर अपराध राजधानी’ के नाम से भी जाना जाता है।
- इसके लिये विभाग सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर करेगा।
- इन प्रयोगशालाओं का इस्तेमाल पुलिस द्वारा अपराध स्थल से बरामद किये गए मोबाइल फोन और कंप्यूटर जैसे विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर फोरेंसिक परीक्षण के लिये किया जाएगा और कानून प्रवर्तन एजेंसी को साइबर अपराधों के साथ-साथ अन्य प्रकृति के अपराधों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
- झारखंड पुलिस के अनुसार, साइबर अपराधी (ज़्यादातर अंदरूनी इलाकों में रहने वाले स्कूल ड्रॉपआउट) लोगों को ठगने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक के रूप में ‘फिशिंग’ का उपयोग करते हैं। फिशिंग, एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें साइबर अपराधी फोन कॉल पर खुद को बैंकों और वित्त कंपनियों के भरोसेमंद प्रतिनिधियों के रूप में दर्शाते हैं और अपने लक्ष्य का व्यक्तिगत बैंकिंग विवरण मांगते हैं।
- उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जुलाई में, साइबर अपराध और साइबरस्पेस के बढ़ते उपयोग के साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध से लड़ने के लिये देश भर में कम-से-कम 18 साइबर फोरेंसिक प्रयोगशालाओं की स्थापना की थी।
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‘गतका’ चैंपियनशिप में झारखंड को कांस्य पदक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पंजाब के पटियाला स्थित नेशनल कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन में आयोजित 5वीं ऑल इंडिया गतका चैंपियनशिप में झारखंड के विनायक वैभव ने कांस्य पदक जीता।
प्रमुख बिंदु
- सिक्ख मार्शल आर्ट शैली ‘गतका’ प्रतियोगिता में 23 राज्यों के खिलाड़ी सम्मिलित हुए थे, जिसमें से झारखंड के विनायक वैभव ने कांस्य पदक जीता।
- विजेता खिलाड़ियों को ‘गतका पेडरेशन ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष हरचरण सिंह भुल्लर, महासचिव बलजिंदर सिंह तूर एवं नेशनल कोऑर्डिनेटर दिलीप सिंह के द्वारा पुरस्कृत किया गया।
- वहीं ‘झारखंड गतका एसोसिएशन’ द्वारा विनायक वैभव एवं पूरी टीम के स्वागत समारोह का आयोजन नन्हे कदम प्ले स्कूल में किया गया।
- विदित हो कि गतका एक परंपरागत मार्शल आर्ट है, जो ऐतिहासिक रूप से सिक्ख गुरुओं से संबंधित है। वर्ष 2008 में ‘गतका पेडरेशन ऑफ इंडिया’ की स्थापना के साथ ‘गतका’ ने खेल क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसे वर्ष 2021 में ‘खेलो इंडिया यूथ गेम’ में भी सम्मिलित कर लिया गया है।
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