सरोगेसी बीमा की सीमा बढ़ाई गई | मध्य प्रदेश | 07 Sep 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं के लिये सरोगेसी पॉलिसी के लिये बीमा कवरेज को बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया है।
प्रमुख बिंदु:
- सरकार ने सरोगेसी से गुज़रने वाली महिलाओं के लिये बीमा कवरेज को 2 लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया है।
- मध्य प्रदेश में 126 संस्थाएँ ART (सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी बैंक, ART लेवल-1 क्लिनिक, ART लेवल-2 क्लिनिक एवं सरोगेसी) राज्य सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी और सरोगेसी विनियमन अधिनियम 2021 के तहत पंजीकृत हैं।
- सरोगेसी: यह एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें एक महिला (सरोगेट) किसी अन्य व्यक्ति या दंपती (इच्छित माता-पिता) की ओर से बच्चे को जन्म देने के लिये सहमत होती है।
- सरोगेट, जिसे कभी-कभी गर्भावधि वाहक भी कहा जाता है, वह महिला होती है जो किसी अन्य व्यक्ति या दंपती (इच्छित माता-पिता) के लिये गर्भधारण करती है और उनके बच्चे को जन्म देती है।
- परोपकारी सरोगेसी: इसमें गर्भावस्था के दौरान चिकित्सा व्यय और बीमा कवरेज के अलावा सरोगेट माँ को कोई मौद्रिक मुआवज़ा नहीं दिया जाता है।
- वाणिज्यिक सरोगेसी: इसमें सरोगेसी या इससे संबंधित प्रक्रियाएँ शामिल हैं, जो मूल चिकित्सा व्यय और बीमा कवरेज से अधिक मौद्रिक लाभ या पुरस्कार (नकद अथवा वस्तु के रूप में) के लिये की जाती हैं।
- केंद्र ने सरोगेसी (विनियमन) नियम, 2022 में संशोधन किया है, जिसके तहत इच्छुक दंपती के एक युग्मक के साथ सरोगेसी की अनुमति दी गई है और एकल महिलाओं को स्वयं के अंडों तथा दाता शुक्राणु का उपयोग करने की अनुमति दी गई है।
सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021
- प्रावधान:
- सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के तहत, 35 से 45 वर्ष की आयु के बीच की विधवा या तलाकशुदा महिला या कानूनी रूप से विवाहित महिला और पुरुष के रूप में परिभाषित युगल, सरोगेसी का लाभ उठा सकते हैं, यदि उनके पास ऐसी कोई चिकित्सा स्थिति है जिसके लिये यह विकल्प आवश्यक हो।
- इच्छुक दंपती कानूनी रूप से विवाहित भारतीय पुरुष और महिला होंगे, पुरुष की आयु 26-55 वर्ष के बीच होगी तथा महिला की आयु 25-50 वर्ष के बीच होगी एवं उनका पहले कोई जैविक, दत्तक या सरोगेट बच्चा नहीं होगा।
- यह विधेयक व्यावसायिक सरोगेसी पर भी प्रतिबंध लगाता है, जिसके लिये 10 वर्ष की जेल और 10 लाख रुपए तक के ज़ुर्माने का प्रावधान है।
- कानून केवल परोपकारी सरोगेसी की अनुमति देता है, जहाँ पैसे का लेन-देन नहीं होता है और जहाँ सरोगेट माँ का बच्चा चाहने वाले व्यक्ति से आनुवंशिक संबंध होता है।
UP में फुटबॉल को मिलेगा बढ़ावा | उत्तर प्रदेश | 07 Sep 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य भर में फुटबॉल के बुनियादी ढाँचे और प्रचार को बढ़ाने के लिये महत्त्वपूर्ण योजनाओं की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश सरकार सभी राज्य आयुक्तालयों में 18 नए फुटबॉल स्टेडियम बनाएगी।
- अधिक से अधिक टूर्नामेंटों को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य के सभी 827 ब्लॉकों में फुटबॉल मैदान विकसित किये जाएंगे।
- कोलकाता डर्बी की मेज़बानी के लिये लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम को 19 दिनों में पुनर्निर्मित किया गया।
- कोलकाता डर्बी भारत की दो सबसे लोकप्रिय टीमों ईस्ट बंगाल और मोहन बागान के बीच एक फुटबॉल मैच है। इन दोनों क्लबों के बीच प्रतिद्वंद्विता 100 वर्ष से भी ज़्यादा पुरानी है तथा इसे विश्व की सबसे बड़ी स्थानीय खेल प्रतिद्वंद्विता में से एक माना जाता है। डर्बी अपने ज़बरदस्त एक्शन और जोशीले प्रशंसकों के लिये जानी जाती है।
- उत्तर प्रदेश खेलो इंडिया पहल के साथ जुड़ गया है, जिससे राज्य में खेलों के विकास के लिये सरकारी समर्थन सुनिश्चित हो रहा है।
खेलो इंडिया पहल
- खेलो इंडिया एक ऐसी योजना है जिसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री ने वर्ष 2017-18 में की थी, जिसका उद्देश्य ज़मीनी स्तर के एथलीटों को एक मंच प्रदान करना और पूरे भारत में खेल के बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना है, जिसके परिणामस्वरूप भारत एक खेल राष्ट्र बन जाएगा।
- खेलो इंडिया योजना युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की प्रमुख केंद्रीय क्षेत्र योजना है।
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