‘इंटरनेशनल-डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्कायस’ | मध्य प्रदेश | 07 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
7 सितंबर, 2021 को मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदेश के सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को ‘नील गगन के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छ वायु दिवस’ (International Day of Clean Air for Blue Skies) पर जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- वायु प्रदूषण के कारण पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर गंभीर विपरीत प्रभावों को देखते हुए यूनाइटेड नेशन एनवायरनमेंट प्रोग्राम (UNEP) द्वारा 19 दिसंबर, 2019 को संकल्प पारित कर 7 सितंबर को ‘इंटरनेशनल-डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्कायस्’ आयोजित करने का निश्चय किया गया था।
- पहली बार 7 सितंबर, 2020 को आयोजित पहले कार्यक्रम की थीम ‘क्लीन एयर फॉर ऑल’ थी, इस बार का विषय, ‘हेल्दी एयर, फॉर हेल्दी प्लैनेट’ है।
- अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने क्षेत्रीय अधिकारियों को शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण तथा जलवायु परिवर्तन के कारणों से आम जनता को जागरूक करने हेतु अधिकतम लोगों की सहभागिता के साथ वेबिनार आयोजित करने के निर्देश दिए।
- साथ ही उन्होंने परिवेशीय वायु गुणवत्ता में सुधार लाने की दृष्टि से ‘नॉन अटेनमेंट सिटी’ के लिये बनाए गए एक्शन प्लान के क्रियान्वयन से लोगों को परिचित कराने के निर्देश दिये।
- उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा शहरी वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिये ‘नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम’ चलाया जा रहा है। इसमें देश के 132 शहरों में से मध्य प्रदेश के 6 शहर- भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर एवं देवास शामिल हैं। इन शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार के लिये कार्य-योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के प्रमुख शहरों में परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन का कार्य भी किया जा रहा है।
प्रदेश की पहली यात्री ‘पिंक बस’ | मध्य प्रदेश | 07 Sep 2021
चर्चा में क्यों?
6 सितंबर, 2021 को मध्य प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री ऊषा ठाकुर ने नगर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल के साथ इंदौर में अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (एआईसीटीएसएल) द्वारा संचालित प्रदेश की पहली पिंक बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
प्रमुख बिंदु
- एआईसीटीएसएल द्वारा महिलाओं के सशक्तीकरण, स्वावलंबन और उनकी सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए यह सेवा शुरू की गई है।
- इस बस में दो महिला ड्राइवर ‘रितु नरवाले’ और ‘अर्चना कटारे’ तथा महिला परिचालक के रूप में ‘लक्ष्मी असवरा’ व ‘पुष्पा चौहान’ कार्यरत् हैं।
- पिंक बस में दोनों महिला ड्राइवर को बस चलाने का एक माह का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। ये पिंक बसें सीसीटीवी कैमरे, ऑन बोर्ड यूनिट, सेंसर डोर जैसी नवीन तकनीकों से युक्त हैं। इस बस में प्रतिदिन लगभग दो हज़ार महिलाएँ सफर कर सकेंगी।
- मंत्री ऊषा ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि महिला ड्राइवर द्वारा संचालित प्रदेश की पहली यात्री ‘पिंक बस’ महिला आत्मनिर्भरता और सशक्तीकरण की पहचान है।
- उन्होंने एआईसीटीएसएल को इस सेवा के लिये शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि इंदौर ने इस प्रकार की सेवा प्रारंभ कर अन्य ज़िलों को प्रेरणा दी है और भविष्य में भी इस प्रकार की महिला सशक्तीकरण की विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा।