विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
2024 तक वायु प्रदूषण को 20% तक कम करने का लक्ष्य
- 11 Jan 2019
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2024 तक देश के कम-से-कम 102 शहरों में 20-30% वायु प्रदूषण कम करने के लिये एक कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme - NCAP) को वायु प्रदूषण के अंतर्गत पर्टिकुलेट मैटर (PM - Particulate Matter) से निपटने के लिये औपचारिक रूप से शुरू किया गया है।
- इसमें राज्यों और केंद्र के लिये ऐसी रूपरेखा तैयार की गई है, जिसमें क्षेत्रफल के अनुसार लगभग 102 शहरों में वायु प्रदूषण को कम करने पर काम किया जाएगा इसमें शामिल लगभग एक तिहाई शहर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से हैं।
- अधिकारियों के अनुसार, पर्टिकुलेट मैटर (PM) पर अंकुश लगाना एक लंबी अवधि की प्रक्रिया है। इसके तहत लगभग 300 करोड़ रूपए व्यय होने का अनुमान है, जो राज्य की विकास योजनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण को कम करने के लिये कार्य करेगा।
- यह एक पँचवर्षीय कार्य योजना है, जो अखिल भारतीय नहीं बल्कि एक शहर-विशिष्ट कार्यक्रम है। पाँच साल बाद इसके तहत हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
- इससे पहले 102 शहरों को प्रदूषण के हॉटस्पॉट क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया था तथा उनसे प्रदूषण निवारण के लिये योजनाएँ एवं सुझाव जैसे कि योजनाओं में मॉनीटरिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाना, प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करना, प्रदूषण-स्रोत के अपरोक्ष अध्ययन का संचालन करना और प्रवर्तन को मज़बूत करना इत्यादि देने को कहा गया था।
- NCAP ने मुख्यतः यातायात में सुधार के लिये गढ्ढा मुक्त सड़क एवं ईंट भट्ठों पर नियंत्रण के सम्बंध में सख्त ज़ोर दिया है जिससे धूल की समस्या को कम किया जा सके।
वर्तमान परिदृश्य में बात करें तो
- यह स्पष्ट नहीं है कि PM कटौती को निर्धारित करने के लिये सरकार कितने शहरों में काम कर चुकी है तथा अभी कितना कार्य किया जाना बाकी है।
- हालाँकि पर्यावरण मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीजिंग ने वायु प्रदूषण के सन्दर्भ में, 5 वर्षों में 40%, मैक्सिको ने 25 वर्षों में 73% और सैंटियागो (चिली) ने 22 वर्षों में 61% की गिरावट दर्ज की। 2016 से दिल्ली में वार्षिक PM स्तर में 8% की कमी देखी गई है।
- पिछले कुछ वर्षों में वायु प्रदूषण के मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के डेटाबेस टियर-I और टियर-II के तहत भारतीय शहरों को दुनिया के कुछ सबसे अधिक प्रदूषित स्थानों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- 2018 में दुनिया के 15 सबसे प्रदूषित शहरों में से 14 भारत के थे।
- एक पत्रिका द्वारा किये गये अध्ययन के अनुसार, भारत को समय से पहले एवं वायु प्रदूषण से होने वाली मौतों के मामले में पहले स्थान पर रखा गया है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP - National Clean Air Programme)
- वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिये व्यापक और समयबद्ध रूप से बनाया गया एक कार्यक्रम ।
- कार्यक्षेत्र - प्रासंगिक केंद्रीय मंत्रालयों, राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों और अन्य हितधारकों के बीच प्रदूषण एवं समन्वय के सभी स्रोतों पर ध्यान केन्द्रित करना।
- उद्देश्य - वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन के लिये कार्य करना।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation - WHO)
- संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित है।
- स्थापना - 7 अप्रैल, 1948
- मुख्यालय - जिनेवा, (स्विट्ज़रलैंड)