उत्तर प्रदेश Switch to English
NGT ने ठोस अपशिष्ट फेंकने पर ज़ुर्माना लगाया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal- NGT) ने उत्तर प्रदेश के अनाधिकृत क्षेत्रों में अपशिष्ट फैलाने या ठोस अपशिष्ट डालने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके उल्लंघन पर 5,000 रुपए से 50,000 रुपए तक का ज़ुर्माना लगाया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- न्यायालय के अनुसार, उल्लंघनकर्त्ता को पहली बार में 5,000 रुपए का पर्यावरण मुआवज़ा देना होगा, तथा आगे भी अपशिष्ट फेंकने अथवा ठोस अपशिष्ट डालने की घटनाओं पर 10,000 रुपए का मुआवज़ा देना होगा।
- यदि कोई थोक अपशिष्ट उत्पादक, रियायतग्राही, शहरी स्थानीय निकाय या कोई अन्य व्यक्ति भारी मात्रा में अपशिष्ट फैलाते या डंप करते हुए पकड़ा जाता है, तो पहली बार अपराध करने पर 25,000 रुपए का ज़ुर्माना लगाया जाएगा तथा उसके बाद के किसी भी अपराध के लिये 50,000 रुपए का ज़ुर्माना लगाया जाएगा।
- NGT ने यह आदेश राप्ती नदी के तटबंध पर अपशिष्ट डाले जाने से जल प्रदूषण होने संबंधी याचिका पर पारित किया।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal- NGT)
- यह पर्यावरण संरक्षण तथा वनों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण से संबंधित मामलों के प्रभावी व शीघ्र निपटान के लिये राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम, 2010 के तहत स्थापित एक विशेष निकाय है।
- ऑस्ट्रेलिया एवं न्यूज़ीलैंड के बाद, भारत राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के गठन के साथ एक समर्पित पर्यावरण न्यायाधिकरण स्थापित करने वाला विश्व का तीसरा देश और पहला विकासशील देश बन गया।
- राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) को आवेदनों अथवा अपीलों का अंतिम रूप से निपटान दायर होने के 6 महीने के भीतर करना अनिवार्य है।
- राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के पाँच बैठक स्थान हैं, नई दिल्ली इसकी मुख्य बैठक स्थान है तथा भोपाल, पुणे, कोलकाता और चेन्नई अन्य चार हैं।
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