मध्य प्रदेश Switch to English
अवैध रेत खनन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश में अवैध रूप से खनन की गई रेत का परिवहन कर रहे एक ट्रैक्टर ने एक पुलिस अधिकारी को टक्कर मार दी थी।
मुख्य बिंदु:
- मध्य प्रदेश में अवैध रेत खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है, सोन नदी के किनारे से सैकड़ों डंपर रेत का परिवहन कर रहे हैं।
- रेत खनन बाद के प्रसंस्करण के लिये मूल्यवान खनिजों, धातुओं, कुचला हुआ पत्थर, रेत और बजरी को निकालने के लिये प्राकृतिक पर्यावरण (स्थलीय, नदी, तटीय या समुद्री) से प्राथमिक प्राकृतिक रेत एवं रेत संसाधनों (खनिज रेत और समुच्चय) को हटाना है।
- विभिन्न कारकों से प्रेरित यह गतिविधि पारिस्थितिक तंत्र और समुदायों के लिये गंभीर खतरा उत्पन्न करती है।
सोन नदी
- सोन नदी, मध्य भारत की एक चिरस्थायी नदी है और गंगा की दूसरी सबसे बड़ी दक्षिणी सहायक नदी है।
- छत्तीसगढ़ में अमरकंटक पहाड़ी के पास से निकलकर, यह छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार से होकर बहती है तथा अमरकंटक पठार पर जलप्रपात बनाती है।
- यह बिहार के पटना के निकट गंगा में मिल जाती है।
- सहायक नदियों में घाघर, जोहिला, छोटी महानदी, बनास, गोपद, रिहंद, कन्हर और उत्तरी कोएल नदी शामिल हैं।
- प्रमुख बाँधों में मध्य प्रदेश में बाणसागर बाँध और उत्तर प्रदेश में पिपरी के पास रिहंद बाँध शामिल हैं।
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कुनो राष्ट्रीय उद्यान का चीता भटककर राजस्थान पहुँचा
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान के चीतों में से एक लगभग 50 किमी. तक भटकता हुआ राजस्थान के करौली में पहुँच गया।
- हालाँकि उसे शांत कर दिया गया और उसी शाम सुरक्षित वापस लौटा दिया गया।
मुख्य बिंदु:
- वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार चीता ने संभवतः चंबल नदी के रास्ते का अनुसरण किया है जो मध्य प्रदेश और राजस्थान के करौली से होकर बहती है।
- यह भारत की सबसे प्रदूषण मुक्त नदियों में से एक है।
- यह 960 किमी. लंबी नदी है जो विंध्य पर्वत (इंदौर, मध्य प्रदेश) के उत्तरी ढलानों में सिंगर चौरी चोटी से निकलती है। वहांँ से यह मध्य प्रदेश में उत्तर दिशा में लगभग 346 किमी. तक बहती है और फिर राजस्थान में प्रवेश कर 225 किमी. उत्तर-पूर्व दिशा में प्रवाहित होती है।
- यह यू.पी. के इटावा ज़िले में यमुना नदी में मिलने से पहले लगभग 32 किमी. तक बहती है।
- यह एक वर्षा सिंचित नदी है और इसका बेसिन विंध्य पर्वत शृंखलाओं और अरावली से घिरा हुआ है। चंबल और उसकी सहायक नदियाँ उत्तर-पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में बहती हैं।
- सहायक नदियाँ: बनास, काली सिंध, पार्वती।
- मुख्य विद्युत परियोजनाएंँ/बांँध: गांधी सागर बांँध, राणा प्रताप सागर बांँध, जवाहर सागर बांँध और कोटा बैराज।
- राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के ट्राई-जंक्शन पर चंबल नदी के किनारे स्थित है। यह गंभीर रूप से लुप्तप्राय घड़ियाल, रेड क्राउन रूफ टर्टल और लुप्तप्राय गंगा नदी डॉल्फिन के लिये जाना जाता है।
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