घाटे की पूर्ति हेतु विद्युत की खरीदारी | उत्तर प्रदेश | 06 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने पावर बैंकों के माध्यम से 11 राज्यों से 5,500 मिलियन यूनिट (Mu) विद्युत का व्यापार किया है।
- उच्च ऊर्जा मांग अवधि (अप्रैल-अक्तूबर) के दौरान लगभग 4,000 Mu की आपूर्ति की जाएगी।
मुख्य बिंदु:
- वर्ष 2023 में, राज्य ने 28,284 मेगावाट (MW) की उच्च मांग स्थापित की, जबकि पावर कॉर्पोरेशन ने मांग-आपूर्ति के अंतर को दूर करने के लिये पाँच राज्यों से 3,000 Mu ऊर्जा की व्यवस्था की।
- यूपी के पावर बैंकिंग राज्य भागीदारों में मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।
- उत्तर प्रदेश की अधिकतम ऊर्जा मांग वर्ष 2024 में 31,000 MW और वर्ष 2028 तक 53,000 MW तक पहुँचने की संभावना है।
- हालाँकि राज्य सरकार को उम्मीद है कि वह नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में पर्याप्त वृद्धि करेगी।
- राज्य ने 4-5 वर्षों में 22,000 MW सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL)
- 14 जनवरी 2000 को यूपी में विद्युत क्षेत्र के सुधारों और पुनर्गठन के परिणामस्वरूप स्थापित किया गया, जो विद्युत क्षेत्र का केंद्र बिंदु है जो विद्युत के संचारण, वितरण तथा आपूर्ति के माध्यम से क्षेत्र की योजना एवं प्रबंधन के लिये ज़िम्मेदार है।
- यह पेशेवर रूप से प्रबंधित उपयोगिता है जो राज्य के प्रत्येक नागरिक को विश्वसनीय और लागत कुशल विद्युत की आपूर्ति करती है।
सौर अपशिष्ट प्रबंधन | राजस्थान | 06 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में 'भारत के सौर उद्योग में एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को सक्षम करना - सौर अपशिष्ट क्वांटम का आकलन' शीर्षक वाली एक रिपोर्ट भारत के बढ़ते सौर अपशिष्ट संकट पर प्रकाश डालती है।
मुख्य बिंदु:
- यह अध्ययन नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा ऊर्जा, पर्यावरण तथा जल परिषद (एशिया में एक अग्रणी गैर-लाभकारी नीति अनुसंधान संस्थान) के विशेषज्ञों के सहयोग से आयोजित किया गया था।
- रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ:
- वित्त वर्ष 2023 तक भारत की वर्तमान सौर क्षमता द्वारा लगभग 100 किलोटन संचयी अपशिष्ट उत्पन्न किया है, जो वर्ष 2030 तक बढ़कर 340 किलोटन हो जाएगा।
- वर्ष 2030 तक अनुमानित कचरे का लगभग 67% पाँच राज्यों द्वारा उत्पादित होने की आशा है: राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु तथा आंध्र प्रदेश
- फेंके गए सौर मॉड्यूल में भारत के आर्थिक विकास तथा राष्ट्रीय सुरक्षा हेतु आवश्यक महत्त्वपूर्ण खनिज शामिल हैं, जिनमें सिलिकॉन, ताँबा, टेल्यूरियम एवं कैडमियम शामिल हैं।
- राजस्थान में देश के सभी राज्यों की तुलना में सबसे अधिक सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता है।
- अगस्त 2023 तक, राजस्थान की परिचालन सौर ऊर्जा परियोजनाओं ने लगभग 17.8 गीगावॉट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया।
सौर अपशिष्ट
- सौर अपशिष्ट सौर मॉड्यूल के निर्माण के दौरान उत्पन्न कोई भी अपशिष्ट है या विनिर्माण प्रक्रियाओं से छोड़े गए मॉड्यूल और स्क्रैप हैं।
- मॉड्यूल को उनके कार्यात्मक जीवन के अंत में या परिवहन, हैंडलिंग और स्थापना से क्षति के कारण त्याग दिया जाता है।
- सौर अपशिष्ट के अनुचित प्रबंधन और भूमिभरण से बचना चाहिये। मूल्यवान खनिजों को पुनः प्राप्त करने तथा सीसा एवं कैडमियम जैसे विषाक्त पदार्थों के निक्षालन को रोकने के लिये उचित उपचार आवश्यक है।
- अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (International Renewable Energy Agency- IRENA) के अनुसार, ग्लास और मेटल फ्रेम सहित सौर पैनल के लगभग 80% घटक पुनर्चक्रण योग्य हैं।
- काँच, एल्यूमीनियम, ताँबा, सिलिकॉन और चाँदी जैसी सामग्रियों को पुनर्प्राप्त करने के लिये सौर अपशिष्ट का पुनर्चक्रण किया जा सकता है।
- पुनर्चक्रण को आमतौर पर यांत्रिक, थर्मल और रासायनिक प्रक्रियाओं में वर्गीकृत किया जा सकता है।
- प्रत्येक प्रक्रिया अलग-अलग शुद्धता ग्रेड के विशिष्ट खनिजों की पुनर्प्राप्ति में मदद करती है।
गर्मी से संबंधित बीमारी के प्रबंधन हेतु स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देश | उत्तर प्रदेश | 06 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में गर्मी के दौरान गर्मी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम और प्रबंधन की तैयारियों के साथ सभी ज़िलाधिकारियों व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
मुख्य बिंदु:
- भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस गर्मी के दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है, खासकर उत्तर प्रदेश के मध्य और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में।
- विभिन्न संस्थानों ने मार्च और मई 2024 के बीच बीमारियों के मौसमी प्रकोप की आशंका जताई है।
- मार्च से मई 2024 तक देश के मध्य और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में हीटवेव की अधिक संभावना है।
- स्वास्थ्य विभाग गर्मी से संबंधित बीमारियों के साथ-साथ उनकी रोकथाम और प्रबंधन के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु कार्यक्रमों की एक शृंखला आयोजित करने के लिये अंतर-विभागीय समन्वय स्थापित करेगा।
- विभाग भीड़भाड़ वाले स्थानों पर शीतल एवं स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था करेगा तथा गर्मी से बचाव के लिये आश्रय स्थल उपलब्ध कराएगा।
- मौसम के पूर्वानुमान और तापमान को भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर स्थापित स्क्रीनों पर प्रदर्शित किया जाएगा, जबकि स्कूलों में गर्मी से बचाव पर जागरूकता सत्र आयोजित किये जाएंगे।
- विभाग चिकित्सा अधिकारियों, पैरामेडिकल स्टाफ और फ्रंटलाइन कार्यकर्त्ताओं के प्रशिक्षण एवं जागरूकता को प्राथमिकता देगा, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे इन बीमारियों की तुरंत पहचान करने एवं उनका उपचार करने के कौशल से लैस हैं।
- आवश्यक दवाओं, अंतःशिरा तरल पदार्थ, आइस पैक, मौखिक पुनर्जलीकरण लवण और अन्य आवश्यक आपूर्ति की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
- गर्मी से संबंधित बीमारियों और उन्हें रोकने तथा प्रबंधित करने के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने के लिये शैक्षिक सामग्री वितरित की जाएगी।
विश्व का सबसे पुराना भूत मेला मध्य प्रदेश में | मध्य प्रदेश | 06 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
भूत मेला, एक 400 वर्ष पुराना मेला है जो प्रत्येक वर्ष मध्य प्रदेश के मलाजपुर (बैतूल ज़िले) गाँव में आयोजित किया जाता है।
- यह मेला पूरे विश्व से तीर्थयात्रियों, रहस्यवादियों और जिज्ञासु यात्रियों को आकर्षित करता है।
मुख्य बिंदु:
- प्रत्येक वर्ष बसंत पंचमी के अवसर पर हिंदू संत "गुरुसाहब बाबा" की समाधि पर मेला लगता है।
- यह भूत मेला तीन सप्ताह तक मनाया जाता है और बुरी आत्माओं से ग्रस्त व्यक्ति ऐसी नकारात्मक ऊर्जाओं से छुटकारा पाने के लिये गाँव में आते हैं।
- किंवदंती के अनुसार, मलाजपुर भूत मेला 18वीं शताब्दी से प्रचलन में है जब जादुई शक्तियों वाले देवजी महाराज नामक एक व्यक्ति ने गाँव का दौरा किया था। अंततः उन्होंने आत्माओं को वश में करना और भूत बाधाओं को दूर करना शुरू कर दिया।