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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Jan 2024
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उत्तर प्रदेश का गंगा एक्सप्रेसवे

चर्चा में क्यों?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) को ‘गंगा एक्सप्रेसवे’ के निर्माण में तेज़ी लाने का निर्देश दिया है, जिसे वर्ष 2024 के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

  • लंबाई के आधार पर भारत के शीर्ष 10 में उत्तर प्रदेश के चार एक्सप्रेस-वे हैं। गंगा एक्सप्रेस-वे के संचालन के साथ शीर्ष 10 में यूपी के पाँच एक्सप्रेस-वे शामिल हो जाएंगे।

मुख्य बिंदु:

  • यह गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढाँचे और विकास को नया आकार देने हेतु महत्त्वपूर्ण तथा वर्ष 2025 में महाकुंभ से पहले ही इस बहुप्रतीक्षित एक्सप्रेस-वे को शुरू करने की रणनीतिक पहल है।
  • गंगा एक्सप्रेस-वे मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वे के बाद देश का दूसरा सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे है।
    • यह 594 किलोमीटर की अनुमानित लंबाई वाला एक महत्त्वाकांक्षी पहल है।
    • यह यात्रा दक्षता को फिर से परिभाषित करने और अपने विशाल गलियारे में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिये तैयार है।
  • गंगा एक्सप्रेस-वे की विशेषताएँ:
    • राज्य को पूर्व से पश्चिम तक जोड़ने वाला यह एक्सप्रेस-वे 12 ज़िलों के 518 गाँवों से होकर गुज़रेगा, जिससे मेरठ और प्रयागराज के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
    • इसे शुरुआत में छह लेन के लिये डिज़ाइन किया गया है, जिसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकता है और इसकी अधिकतम गति 120 किलोमीटर प्रति घंटा है।
    • एक अन्य महत्त्वपूर्ण विशेषता में गंगा और रामगंगा नदियों पर बने दो लंबे पुल शामिल हैं, जो बड़े विमानों को भी उतरने की अनुमति देते हैं। शाहजहाँपुर में जलालाबाद तहसील के पास 3.50 किलोमीटर की हवाई पट्टी परियोजना की बहुमुखी प्रतिभा को बढ़ाती है।
    • सार्वजनिक सुविधा बढ़ाने के लिये एक्सप्रेस-वे के किनारे नौ सार्वजनिक सुविधा परिसरों की योजना बनाई गई है, जिसमें मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाज़ा तथा 15 स्थानों पर रैंप टोल प्लाज़ा प्रस्तावित हैं।
  • गंगा एक्सप्रेस-वे केवल एक परिवहन लिंक नहीं है, बल्कि अपने एडवेंचर लैंडस्केप को आधुनिक बनाने के लिये उत्तर प्रदेश के विस्तार का एक प्रमाण है।

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अयोध्या में आध्यात्मिक पर्यटन का उदय

चर्चा में क्यों?

वर्ष 2024 में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और विकास कार्य पूरा होने के बाद से शहर में पर्यटन दस गुना बढ़ने की संभावना है।

  • राम मंदिर के उद्घाटन में 7,000 लोगों के आने की उम्मीद है। मंदिर खुलने के बाद, अयोध्या विकास प्राधिकरण के अनुसार अगले महीने (फरवरी) तक प्रत्येक दिन 3,00,000-5,00,000 आगंतुकों के आने की संभावना है।

मुख्य बिंदु:

  • भारत के अयोध्या में राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति की बहुप्रतीक्षित ‘प्राण प्रतिष्ठा’ (Consecration Ceremony) 22 जनवरी, 2024 को होगी।
  • मंदिर के उद्घाटन की तैयारी में शहर में बड़े सुधार हुए हैं:
    • अयोध्या के आध्यात्मिक पर्यटन में वृद्धि: राम मंदिर के उद्घाटन से पहले, अयोध्या में होटल की दरें कथित तौर पर बढ़ गईं है जिनमें से बहुत-सी पहले ही बुक हो चुकी हैं।
    • टेम्पल टाउन के लिये ट्रेनें: अमृत भारत ट्रेनें एक नई तरह की सुपरफास्ट ट्रेन हैं जिसमें आधुनिक तकनीक, तेज़ गति और आरामदायक सफर जैसी कई सुविधाएँ मिल जाती हैं।
    • नया अयोध्या हवाई अड्डा: पवित्र कार्यक्रम के बाद प्रत्येक दिन राम मंदिर के दर्शन के लिये आने वाले लाखों लोगों को समायोजित करने हेतु एयरलाइंस का दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और अहमदाबाद जैसे प्रमुख शहरों से सेवा प्रदान करने का इरादा है।
  • राम मंदिर के निर्माण से पहले ही अयोध्या की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। ज़िले में आने वाले पर्यटकों की बढ़ती संख्या स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार के नए अवसर पैदा करती है।
    • मंदिर के पास कई नए व्यवसाय विकसित हुए हैं, जो पर्यटकों को विभिन्न प्रकार के देशी हस्तशिल्प प्रदान करते हैं।

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उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा हब

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (UPNEDA) के अनुसार, उत्तर प्रदेश में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में 1 लाख करोड़ रुपए के अनुमानित परिव्यय वाली 125 परियोजनाएँ हैं।

  • ये परियोजनाएँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सौर और वैकल्पिक स्रोतों के माध्यम से राज्य की 40% ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं।

मुख्य बिंदु:

  • पहले चरण में बुंदेलखण्ड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में 35,000 करोड़ रुपए की चार बड़ी सौर परियोजनाएँ स्थापित की जाएंगी।
  • वर्ष 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (GIS) में राज्य सरकार को 40 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे।
  • 'अक्षय ऊर्जा' योजना के तहत सौर ऊर्जा और अन्य स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं का कुल निवेश में महत्त्वपूर्ण हिस्सा था।
  • राज्य वर्तमान में लगभग 2152 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करता है, जिसमें से 372 मेगावाट तक स्वतंत्र रूप से पहुँच है।
    • बुंदेलखण्ड क्षेत्र में सबसे अधिक संख्या में सौर संयंत्र लगे हैं, जो राज्य में उत्पादित कुल सौर ऊर्जा का लगभग 60% है।
  • राज्य का सौर ऊर्जा उत्पादन, जो वर्ष 2017 में 279 मेगावाट के करीब था, पिछले छह वर्षों में कई गुना वृद्धि देखी गई है, जिसमें राज्य सरकार की नई सौर नीति के तहत दिये गए प्रोत्साहन, छूट, रियायतें और पदोन्नति शामिल हैं।
  • मौजूदा निवेश पाइपलाइन के तहत, पूर्वी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में ग्रीनको ग्रुप द्वारा 17,000 करोड़ रुपए के अनुमानित परिव्यय पर 3660 मेगावाट विद्युत् उत्पन्न करने वाली ‘ऑफ-स्ट्रीम क्लोज़ लूप पंप स्टोरेज’ परियोजना की स्थापना की जाएगी।
  • उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वी उत्तर प्रदेश के बखिरा पक्षी अभयारण्य में 50 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है।
  • सोलर सिटी कार्यक्रम के अंतर्गत NTPC द्वारा अयोध्या में 165 एकड़ भूमि पर 40 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। परियोजना का एक हिस्सा पहले ही शुरू हो चुका है और शेष मार्च 2024 तक चालू होने की उम्मीद है।

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