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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 05 Nov 2022
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सात ज़िलों की छात्राओं ने महात्मा गांधी विद्यालय में सैटेलाइट और ड्रोन किया लॉन्च

चर्चा में क्यों?

4 नवंबर, 2022 को राजस्थान के जयपुर के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (पूर्व राज. बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय) मालवीय नगर में 3 दिवसीय ‘पीको सैटेलाइट इवेंट’ के ग्रैंड फिनाले में प्रदेश के सात ज़िलों से चयनित एवं प्रशिक्षित 30 छात्राओं ने छोटे सैटेलाइट और ड्रोन को संचालित किया।

प्रमुख बिंदु

  • अजमेर, अलवर, बूंदी, जयपुर, भरतपुर, डूँगरपुर, झुंझुनुं ज़िलों की इन छात्राओं ने विभिन्न चरणों से गुज़र कर गत तीनदिवसीय कार्यशाला में ड्रोन एवं उपग्रह की डिज़ाइन करना, निर्माण करना और लॉन्च करना सीखा।
  • विद्यालय की प्रधानाचार्या निशि सिंह ने बताया कि स्टेम, अर्थात् साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्मेटिक्स फॉर गर्ल्स इंडिया के तहत आईबीएम इंडिया और अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन (एआईएफ) राजस्थान के 10 ज़िलों में 306 सरकारी स्कूलों की छात्राओं को उपग्रह, ड्रोन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रशिक्षित करने के लिये एक साथ आए हैं, ताकि उन्हें उन्नत स्टेम कौशल के साथ सशक्त बनाकर स्टेम में शिक्षा और करियर बनाने में मदद की जाए।
  • उल्लेखनीय है कि दोनों संस्थाओं ने मिलकर 2 से 4 नवंबर तक जयपुर में ‘पीको सैटेलाइट इवेंट’का आयोजन किया, जिसके लिये राजस्थान के विभिन्न सरकारी स्कूलों की 30 छात्राओं ने एक कार्यशाला में भाग लिया, जिसमें उन्हें ड्रोन और उपग्रह की डिज़ाइन, निर्माण और लॉन्च करना सिखाया गया।
  • 500 छात्राओं के एक बैच में से चुनी गई इन 30 छात्राओं को कई कार्यशालाओं और ऑनलाइन परीक्षाओं के बाद कठोर, गहन प्रशिक्षण से गुज़रना पड़ा।
  • छात्राओं द्वारा बनाए गए इन उपग्रहों द्वारा लिये गए डाटा का उपयोग भारतीय अनुसंधान परिषद और कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा किया जाएगा।
  • छात्राओं को उपग्रह, ड्रोन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करने हेतु इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा की आकांक्षा को बढ़ावा देने एवं उपग्रहों और ड्रोन को असेंबल करने का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के साथ जागरूकता, आत्मविश्वास, कौशल को विकसित करने के उद्देश्य से इस परियोजना को तैयार किया गया है।

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‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत 45 योजनाओं के लिये 628 करोड़ रुपए की स्वीकृति

चर्चा में क्यों?

4 नवंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘जल जीवन मिशन’ के तहत प्रदेशभर में 45 योजनाओं के लिये 628 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी।

प्रमुख बिंदु

  • मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस स्वीकृति से जल जीवन मिशन के अंर्तगत प्रदेश में चल रहे विभिन्न कार्यों को गति मिलेगी तथा निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण हो सकेंगे, जिससे गाँव-ढाणी तक लोगों को नल से जल उपलब्ध हो सकेगा।
  • इस स्वीकृति के अंतर्गत प्रदेश के करौली ज़िले में 12 योजनाएँ, बीकानेर एवं उदयपुर में 6-6, जैसलमेर तथा पाली में 4-4, हनुमानगढ़ में 3 और अलवर, राजसमंद, सवाई माधोपुर ज़िले में 2-2 तथा श्रीगंगानगर, डूँगरपुर, सीकर, बांसवाड़ा में 1-1 योजना क्रियान्वित की जा सकेंगी। कार्यों के पूर्ण होने पर इन क्षेत्रों में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान सुनिश्चित हो सकेगा।  
  • उल्लेखनीय है कि जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन के लिये दिसंबर, 2019 में दिशा-निर्देश जारी हुए थे। इसके अंतर्गत प्रत्येक ग्रामीण परिवार को मार्च, 2024 तक शुद्ध पेयजल के लिये कार्यशील घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया था, जिसकी प्राप्ति पर हर व्यक्ति को निर्धारित गुणवत्ता वाला पेयजल नियमित रूप से उपलब्ध होगा।
  • विदित है कि राजस्थान में वर्तमान में लगभग 27 लाख ग्रामीण परिवारों तक नल से जल पहुँच रहा है तथा प्रदेश सरकार प्रत्येक परिवार को नल से जल पहुँचाने की दिशा में प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।

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