मध्य प्रदेश Switch to English
दो नए ज़िलों का प्रस्ताव
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मध्य प्रदेश में नए ज़िले बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें संभवतः सागर ज़िले से बीना और छिंदवाड़ा ज़िले से जुन्नारदेव को शामिल किया जाएगा, जिससे कुल ज़िलों की संख्या 57 हो जाएगी।
मुख्य बिंदु:
- बीना: सागर ज़िले में मालवा के पठार पर स्थित एक महत्त्वपूर्ण रेलवे जंक्शन और औद्योगिक शहर।
- जुन्नारदेव: छिंदवाड़ा ज़िले की एक तहसील जिसे ज़िला का दर्जा दिलाने के लिये प्रयास जारी हैं। अगर इसे ज़िला बनाया जाता है तो इसमें परासिया और अन्य विधानसभा क्षेत्र शामिल हो सकते हैं।
- हाल के ज़िला गठन:
- मैहर: सितंबर 2023 में सतना ज़िले से अलग होकर 55वाँ ज़िला बना। इसमें दो विधानसभा क्षेत्र और तीन सीमेंट कारखाने हैं।
- पांढुर्णा: यह 54वाँ ज़िला बना, जो दलहन फसलों के लिये प्रसिद्ध छिंदवाड़ा ज़िले से पांढुर्णा और सौसर तहसीलों को मिलाकर बनाया गया।
- मऊगंज: 15 अगस्त, 2023 को रीवा ज़िले से अलग होकर 53वाँ ज़िला बना, जिसमें चार तहसील और दो विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
- छोटे ज़िले बनाने के लाभ:
- छोटे ज़िलों का विकास आसान होता है, जनता और प्रशासन के बीच बेहतर संवाद होता है, सरकारी योजनाओं का तेज़ी से क्रियान्वयन होता है तथा कानून-व्यवस्था में सुधार होता है।
- वित्तीय स्वतंत्रता और सड़क, विद्युत् तथा जल जैसी आवश्यक सेवाओं तक बेहतर पहुँच।
- प्रस्तावित नए ज़िले: उज्जैन से नागदा और गुना से चाचौड़ा नये ज़िले प्रस्तावित हैं, जिन पर चर्चा कमल नाथ सरकार के दौरान शुरू हुई थी।
मालवा का पठार
- यह पठार ज्वालामुखी मूल का है और इसका नाम "मालवा" संस्कृत शब्द "मालव" से लिया गया है, जो धन की देवी लक्ष्मी के निवास के हिस्से को संदर्भित करता है।
- मालवा का पठार उत्तर-मध्य भारत में स्थित है, जो मध्य प्रदेश और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान को कवर करता है। यह मध्य भारत पठार, बुंदेलखंड उच्च भूमि, विंध्य पर्वतमाला एवं गुजरात के मैदानों से घिरा हुआ है।
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