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चमोली हिमस्खलन
चर्चा में क्यों?
1 मार्च, 2025 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के चमोली ज़िले के माणा गाँव के पास हिमस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।
- उन्होंने जोशीमठ का भी दौरा किया तथा घटनास्थल से बचाए गए घायल सीमा सड़क संगठन (BRO) श्रमिकों से मुलाकात की।
मुख्य बिंदु
- माना हिमस्खलन में बचाव अभियान:
- बचाव दल ने बर्फ में फंसे 55 BRO श्रमिकों में से 47 को सफलतापूर्वक बचा लिया है।
- आठ श्रमिक अभी भी फँसे हुए हैं तथा बचाव कार्य अभी भी जारी है।
- अधिकारियों ने बचाव कार्यों में सहायता के लिये सेना के चार हेलीकॉप्टर तैनात किये हैं।
- सरकारी एवं प्रशासनिक प्रयास:
- यह पुष्टि की गई कि केंद्र और राज्य सरकार की सहायता से चार हेलीकॉप्टर बचाव अभियान में शामिल हो गए हैं।
- बचाए गए सात श्रमिकों को उपचार के लिये जोशीमठ अस्पताल ले जाया गया है।
- डॉक्टर उनकी स्थिति पर नज़र रख रहे हैं और उनमें से तीन की हालत स्थिर बताई गई है।
- सुरक्षा बलों द्वारा संयुक्त प्रयास:
- माणा गाँव के निकट हुए हिमस्खलन में कई BRO श्रमिक बर्फ के नीचे दब गए।
- राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की टीमें युद्ध स्तर पर संयुक्त बचाव अभियान चला रही हैं ।
सीमा सड़क संगठन
- परिचय:
- BRO की परिकल्पना और स्थापना 1960 में पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा देश के उत्तरी और पूर्वोत्तर सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों के नेटवर्क के तीव्र विकास के समन्वय के लिये की गई थी।
- यह रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में काम करता है।
- इसने हवाई अड्डों, भवन परियोजनाओं, रक्षा कार्यों और सुरंग निर्माण सहित निर्माण और विकास कार्यों के एक बड़े क्षेत्र में विविधता ला दी है और लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता बना ली है।
- अब तक की उपलब्धियाँ:
- BRO ने छह दशकों से अधिक समय में भारत की सीमाओं पर तथा भूटान, म्याँमार, अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान सहित मित्र देशों में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में 61,000 किलोमीटर से अधिक सड़कें, 900 से अधिक पुल, चार सुरंगें और 19 हवाई अड्डों का निर्माण किया है।
- वर्ष 2022-23 में, BRO ने 103 बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ पूरी कीं, जो संगठन द्वारा एक वर्ष में की गई सबसे अधिक परियोजनाएँ हैं।
- इनमें पूर्वी लद्दाख में श्योक ब्रिज और अरुणाचल प्रदेश में अलोंग-यिंकियोंग रोड पर लोड क्लास 70 का स्टील आर्क सियोम ब्रिज का निर्माण शामिल है।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)
- ITBP की स्थापना 24 अक्तूबर, 1962 को हुई थी।
- यह भारत-तिब्बत सीमा और 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा के पहाड़ी क्षेत्रों की रक्षा करने तथा भारत की उत्तरी सीमाओं की निगरानी करने के लिये ज़िम्मेदार है।
- वर्ष 2004 में, ITBP ने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में असम राइफल्स की जगह ले ली। यह बल निम्नलिखित राज्यों में भारत-चीन सीमा की सुरक्षा करता है:
- जम्मू-कश्मीर
- हिमाचल प्रदेश
- उत्तराखंड
- सिक्किम
- अरुणाचल प्रदेश
राष्ट्रीय आपदा राहत कोष
- आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अधिनियमन के साथ राष्ट्रीय आपदा आकस्मिकता निधि (NCCF) का नाम बदलकर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि (NDRF) कर दिया गया।
- इसे आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 (DM एक्ट) की धारा 46 में परिभाषित किया गया है।
- किसी भी आपदा की आशंका वाली स्थिति या आपदा के कारण आपातकालीन प्रतिक्रिया, राहत और पुनर्वास के लिये व्यय को पूरा करने के लिये इसका प्रबंधन केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।
- यह गंभीर प्रकृति की आपदा के मामले में SDRF को अनुपूरित करता है, बशर्ते SDRF में पर्याप्त धनराशि उपलब्ध न हो।
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NGT द्वारा उत्तराखंड के अधिकारियों की उपस्थिति मांग
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने उत्तराखंड के उधम सिंह नगर ज़िले में 176 पेड़ों की अवैध कटाई से जुड़े एक मामले में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPCB) के सदस्य सचिव और राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को अपने समक्ष पेश होने का निर्देश दिया है।
मुख्य बिंदु:
- सुनवाई के संदर्भ में:
- NGT उधम सिंह नगर ज़िले के चांदपुर गाँव में निजी व्यक्तियों द्वारा आवासीय कॉलोनी के विकास के लिये पेड़ों की अनधिकृत निर्वनीकरण के संबंध में एक याचिका की समीक्षा कर रही है।
- संयुक्त समिति के निष्कर्ष:
- अपने आदेश में NGT बेंच ने संयुक्त समिति की रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें 176 पेड़ों की अवैध कटाई की पुष्टि की गई थी।
- न्यायाधिकरण ने कहा कि अनधिकृत वनों की कटाई के लिये पर्यावरण क्षतिपूर्ति वसूल की जानी चाहिये।
- मामले की जाँच करने वाली संयुक्त समिति में शामिल हैं:
- ज़िला मजिस्ट्रेट
- केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय
- उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPCB)
- न्यायाधिकरण के निर्देश:
- रिपोर्ट की समीक्षा के बाद NGT ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव और अन्य संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा।
- न्यायाधिकरण ने व्यक्तिगत उपस्थिति के महत्त्व पर बल दिया:
- UKPCB के सदस्य सचिव
- प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF)
- न्यायालय ने उन्हें मामले में सहायता के लिये अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित होने का निर्देश दिया।
- न्यायाधिकरण ने इस बात पर बल दिया कि न्यायसंगत एवं उचित निर्णय के लिये उनकी उपस्थिति महत्त्वपूर्ण है।
उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UKPCB)
- यह जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 और वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के प्रावधानों के तहत स्थापित एक वैधानिक संगठन है।
- UKPCB भारत के उत्तराखंड राज्य में प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और कमी के लिये ज़िम्मेदार है।
- इसका मुख्यालय देहरादून, उत्तराखंड में है।
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