छत्तीसगढ़ Switch to English
विकसित छत्तीसगढ़: 10 वर्षों का विज़न
चर्चा में क्यों?
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के विकास के लिये योजनाओं पर चर्चा और रणनीति बनाने हेतु IIM-रायपुर में दो दिवसीय ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन किया।
- शिविर के दौरान सत्र का संचालन नीति आयोग के सीईओ बी. वी. आर. सुब्रह्मण्यम और G-20 शेरपा अमिताभ कांत ने किया।
मुख्य बिंदु:
- शिविर का उद्देश्य ‘विकसित छत्तीसगढ़’ के लिये रणनीतिक रोडमैप तैयार करना और उसे लागू करना था। इसमें देश भर से विषय विशेषज्ञ भी शामिल हुए।
- विकसित छत्तीसगढ़, वर्ष 2047 तक भारत को विकसित करने के लक्ष्य ‘विकसित भारत’ के विचार के अनुरूप है।
- शिविर के दौरान छत्तीसगढ़ में खनिजों की प्रचुरता और राज्य के मनोरम परिदृश्यों पर प्रकाश डाला गया।
- राज्य के आर्थिक हितों और राज्य में पर्यटन उद्योग के विकास के लिये खनिज दोहन के संतुलन के महत्त्व पर भी ज़ोर दिया गया।
नीति आयोग
- योजना आयोग को 1 जनवरी, 2015 को एक नए संस्थान नीति आयोग द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था, जिसमें 'सहकारी संघवाद' की भावना को प्रतिध्वनित करते हुए अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार की परिकल्पना की परिकल्पना के लिये 'बॉटम-अप' दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया गया था।
- इसके दो हब हैं:
- टीम इंडिया हब- राज्यों और केंद्र के बीच इंटरफेस का काम करता है
- ज्ञान और नवोन्मेष हब- नीति आयोग के थिंक-टैंक की भाँति कार्य करता है
नोट
- G20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। एजेंडा और कार्य का समन्वय G20 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है, जिन्हें 'शेरपा' के रूप में जाना जाता है, जो केंद्रीय बैंकों के वित्त मंत्रियों तथा गवर्नरों के साथ मिलकर कार्य करते हैं।
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