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हरियाणा मंत्रिमंडल विस्तार को चुनौती देने वाली याचिका पर उच्च न्यायालय का नोटिस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा में नायब सिंह सैनी सरकार द्वारा कैबिनेट विस्तार को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका (PIL) पर केंद्र तथा हरियाणा सरकार से जवाब मांगा।
मुख्य बिंदु:
- याचिका के अनुसार, राज्य में 90 सदस्यीय सदन है और भारत के संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार मंत्रिपरिषद कुल संख्या के 13 (15%) से अधिक नहीं हो सकती है।
- अनुच्छेद 164 में प्रावधान है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाएगी।
- जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि सैनी ने 12 मार्च को पाँच को मंत्री नियुक्त किया, जब उन्होंने 19 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली व आठ और लोगों को नियुक्त किया।
- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत मंत्रिपरिषद में आठ और लोगों को शामिल करना अवैध, शून्य एवं असंवैधानिक है।
जनहित याचिका (PIL)
- यह मानवाधिकारों और समानता को आगे बढ़ाने या व्यापक सार्वजनिक चिंता के मुद्दों को उठाने के लिये कानून का उपयोग है।
- "जनहित याचिका" की अवधारणा अमेरिकी न्यायशास्त्र से ली गई है।
- भारतीय कानून में PIL का अर्थ जनहित की सुरक्षा के लिये मुकदमा करना है। यह किसी न्यायालय में पीड़ित पक्ष द्वारा नहीं बल्कि स्वयं न्यायालय या किसी अन्य निजी पक्ष द्वारा प्रस्तुत किया गया मुकदमा है।
- यह न्यायिक सक्रियता के माध्यम से न्यायालयों द्वारा जनता को दी गई शक्ति है।
- इसे केवल सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय में ही दाखिल किया जा सकता है।
- यह रिट याचिका से भिन्न है, जो व्यक्तियों या संस्थानों द्वारा अपने लाभ के लिये दायर की जाती है, जबकि जनहित याचिका आम जनता के लाभ के लिये दायर की जाती है।
- PIL की अवधारणा कानून की मदद से त्वरित सामाजिक न्याय की रक्षा और वितरण हेतु भारत के संविधान के अनुच्छेद 39 A में निहित सिद्धांतों के अनुकूल है।
- वे क्षेत्र जहाँ जनहित याचिका दायर की जा सकती है: प्रदूषण, आतंकवाद, सड़क सुरक्षा, निर्माणात्मक खतरे आदि।
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भारतीय कामगारों का पहला जत्था इज़रायल के लिये रवाना
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इज़रायल में रोज़गार के लिये जाने वाले भारतीय निर्माण श्रमिकों के पहले बैच को इज़रायली राजदूत नाओर गिलोन और सरकारी अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्य बिंदु:
- इज़रायली सरकार ने नवंबर 2023 में निर्माण श्रमिकों के लिये एक तत्काल अनुरोध किया था और इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने दिसंबर 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाने पर चर्चा की थी।
- ऐसा इसलिये था क्योंकि 7 अक्तूबर 2023 को हमास द्वारा किये गए आतंकवादी हमलों के बाद हज़ारों फिलिस्तीनियों को इज़रायल में कार्य करने से प्रतिबंधित करने के बाद देश को बड़ी श्रम कमी का सामना करना पड़ा था।
- राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद के अनुसार, पहले समूह की भर्ती पिछले कुछ महीनों में हरियाणा और उत्तर प्रदेश में एक बड़े अभियान के दौरान की गई थी।
- वे अपेक्षित 10,000-मज़बूत कार्यबल का हिस्सा हैं, जिन्हें अगले कुछ हफ्तों में इज़रायल भेजा जाएगा, जिनमें से लगभग हर दिन एयर इंडिया और यहाँ तक कि चार्टर्ड फ्लाइट्स से यात्रा की जाएगी।
- विदेश मंत्रालय के अनुसार, श्रमिक वर्ष 2023 में हस्ताक्षरित भारत-इज़रायल गतिशीलता साझेदारी के हिस्से के रूप में सरकार-से-सरकार व्यवस्था के तहत इज़रायल की यात्रा कर रहे थे।
- चूँकि इज़रायल "उत्प्रवासन मंज़ूरी आवश्यक" (ECR) देशों की सूची में नहीं है, इसलिये MEA के ई-माइग्रेट पोर्टल पर श्रमिकों के लिये पंजीकरण अनिवार्य नहीं है।
- इज़रायल के साथ हस्ताक्षरित फ्रेमवर्क समझौते और कार्यान्वयन प्रोटोकॉल के अनुसार, भारतीय श्रमिकों को इज़रायली नागरिकों के समान श्रम अधिकारों के संबंध में समान व्यवहार का आनंद मिलेगा एवं उन्हें उचित आवास, चिकित्सा बीमा व प्रासंगिक सामाजिक सुरक्षा कवरेज के साथ-साथ कानून में निर्धारित मज़दूरी तथा लाभ प्रदान किये जाएंगे।
राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC)
- यह एक गैर-लाभकारी सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी है जिसकी स्थापना 31 जुलाई 2008 को कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत की गई थी।
- वित्त मंत्रालय ने NSDC को सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के रूप में स्थापित किया।
- कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) के माध्यम से भारत सरकार के पास NSDC की 49% हिस्सेदारी है, जबकि निजी क्षेत्र के पास शेष 51% हिस्सेदारी है।
- संगठन व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिये स्केलेबल और सफल पहल विकसित करने हेतु धनराशि प्रदान करता है।
ई-माइग्रेट
- यह वर्ष 2015 में लॉन्च होने के बाद से पूरी तरह से चालू है और भर्ती एजेंटों (RA), विदेशी नियोक्ताओं (FE) के पंजीकरण तथा संभावित प्रवासियों को उत्प्रवास मंज़ूरी (EC) जारी करने की सुविधा प्रदान करता है।
- यह 18 उत्प्रवास जाँच आवश्यक (ECR) देशों में भारतीय श्रमिकों के सुरक्षित और कानूनी प्रवास की सुविधा के लिये विकसित एक व्यापक ऑनलाइन प्रणाली है।
- ये 18 देश हैं अफगानिस्तान, बहरीन, इराक, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, कुवैत, जॉर्डन, लीबिया, लेबनान, मलेशिया, ओमान, कतर, दक्षिण सूडान, सीरिया, सूडान, थाईलैंड, यूएई और यमन।
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