छत्तीसगढ़ में वेतन वृद्धि और महिला सशक्तीकरण योजना लागू | छत्तीसगढ़ | 03 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों का पारिश्रमिक 4,000 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5,500 रुपए करने और ‘महतारी वंदन’ योजना लागू करने का निर्णय लिया।
मुख्य बिंदु:
- कैबिनेट बैठक में सरकार ने 'महतारी वंदन योजना' (Mahtari Vandan Yojana) को मंज़ूरी दे दी है। इस योजना के तहत राज्य में विवाहित महिलाओं को 1,000 रुपए प्रतिमाह ( कुल 12,000 रुपए सालाना) वित्तीय सहायता दी जाएगी, जो प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाएगी।
- इस योजना का उद्देश्य राज्य में महिलाओं के बीच लैंगिक भेदभाव, असमानता और जागरूकता की कमी को समाप्त करना तथा उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार करना है।
- लाभ उन विवाहित महिलाओं को मिलेगा जो 1 जनवरी, 2024 तक 21 वर्ष या उससे अधिक आयु के साथ छत्तीसगढ़ की मूल निवासी हैं। विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्त महिलाएँ भी योजना के लिये पात्र हैं।
- तेंदूपत्ता संग्राहकों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये एक नई योजना लागू की जाएगी, जिसमें 75% वित्तीय सहायता सरकार द्वारा और शेष 25% छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज (व्यापार और विकास) सहकारी संघ द्वारा प्रदान की जाएगी।
- मंत्रिमण्डल ने छत्तीसगढ़ राज्य में भारत (BH) शृंखला वाहन पंजीयन लागू करने का भी निर्णय लिया है।
- भारत सरकार द्वारा लागू की गई BH शृंखला के तहत दोपहिया और चौपहिया वाहनों को एक बार में दो साल का टैक्स देना होगा।
- छत्तीसगढ़ वस्तु और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रारूप का भी अनुमोदन किया गया।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में मिली माओवादियों की सुरंग | छत्तीसगढ़ | 03 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में माओवाद प्रभावित बीजापुर में एक ऑपरेशन से लौट रहे सैनिकों को नक्सलियों द्वारा खोदी गई 130 फीट लंबी सुरंग का पता चला है।
मुख्य बिंदु:
- लगभग दो दशक पहले उग्रवाद शुरू होने के बाद से यह बस्तर में इस तरह की पहली खोज है और इसने उग्रवाद विरोधी अभियानों में जटिलता की एक परत जोड़ दी है।
- ज़िला रिज़र्व गार्ड के जवानों को रायपुर से लगभग 330 किमी. दक्षिण में इंद्रावती के तट पर ताड़ोपोट गाँव के पास सुरंग मिली।
- ऐसी सुरंग की खोज से संकेत मिलता है कि माओवादी सुरक्षा अभियानों और हवाई निगरानी को तेज़ करने से निपटने के लिये रणनीति बदल रहे हैं।
भारत में वामपंथी उग्रवाद
- वामपंथी उग्रवादियों को विश्व के अन्य देशों में माओवादियों के रूप में और भारत में नक्सलियों के रूप में जाना जाता है।
- नक्सलवाद शब्द का नाम पश्चिम बंगाल के गाँव नक्सलबाड़ी से लिया गया है। इसकी शुरुआत स्थानीय ज़मींदारों के खिलाफ विद्रोह के रूप में हुई, जिन्होंने भूमि विवाद पर एक किसान की पिटाई की थी।
- विद्रोह की शुरुआत वर्ष 1967 में कानू सान्याल और जगन संथाल के नेतृत्व में मेहनतकश किसानों को भूमि के उचित पुनर्वितरण के उद्देश्य से की गई थी।
- यह आंदोलन छत्तीसगढ़, ओडिशा और आंध्र प्रदेश जैसे कम विकसित पूर्वी भारत के राज्यों में फैल गया है।
- यह माना जाता है कि नक्सली माओवादी राजनीतिक भावनाओं और विचारधारा का समर्थन करते हैं।
- माओवाद, साम्यवाद का एक रूप है जो माओत्सेतुंग द्वारा विकसित किया गया है। इस सिद्धांत के समर्थक सशस्त्र विद्रोह, जनसमूह और रणनीतिक गठजोड़ के संयोजन से राज्य की सत्ता पर कब्ज़ा करने में विश्वास रखते हैं।