उत्तराखंड Switch to English
ज़मीन की खरीद पर रोक
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तराखंड सरकार ने कृषि या बागवानी उद्देश्यों के लिये बाहरी लोगों द्वारा भूमि खरीद पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु:
- आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार ज़िला मजिस्ट्रेट (DM) बाहरी लोगों को कृषि और बागवानी के उद्देश्य से ज़मीन खरीदने की अनुमति नहीं देंगे।
- 22 दिसंबर, 2023 को सरकार ने भूमि कानूनों पर समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की विस्तृत जाँच के लिये अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय समिति का गठन किया है।
- सरकार कथित तौर पर जनता की भावनाओं के अनुरूप कदम उठा रही है, जिसे वह इस मामले में सर्वोपरि मानती है।
- सी. एम. धामी ने राज्य में औद्योगिक विकास परियोजनाओं के लिये भूमि की आवश्यकता और वर्तमान में उत्तराखंड में उपलब्ध भूमि के संरक्षण के बीच संतुलन स्थापित करने हेतु सिफारिशें करने के लिये एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था।
- जनता द्वारा विशिष्ट मांगें उठाई जा रही हैं, जैसे कि पहाड़ी क्षेत्रों में स्थापित सभी परियोजनाओं और उद्योगों में जहाँ भूमि अधिग्रहण या खरीद अनिवार्य है या भविष्य में की जाएगी, वहाँ 25% हिस्सेदारी स्थानीय ग्रामीणों हेतु और 25% हिस्सेदारी ज़िले के मूल निवासियों के लिये सुनिश्चित की जाए तथा इन परियोजनाओं में स्थानीय लोगों के लिये 80% रोज़गार सुनिश्चित किया जाना चाहिये।
- यह सुनिश्चित करने के लिये इन उपायों को लागू करना आवश्यक है कि राज्य के संसाधनों - जल (वाटर), जंगल (फारेस्ट ), और ज़मीन (भूमि) पर पहला अधिकार मूल निवासियों का है ,ताकि स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार सुनिश्चित किया जा सके।
हरियाणा Switch to English
‘कैशलेस’ स्वास्थ्य सुविधा
चर्चा में क्यों?
हरियाणा सरकार ने नववर्ष के अवसर पर सरकारी कर्मचारियों व उनके आश्रितों को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा का बड़ा तोहफा दिया है।
मुख्य बिंदु:
- राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में आयुष्मान योजना के तहत कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा का शुभारंभ किया।
- राज्य सरकार ने 1 नवंबर, 2023 को कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा देने के लिये दो विभागों नामतः मत्सय व बागवानी के कर्मचारियों को शामिल करते हुए पायलट आधार पर योजना शुरू की थी।
- सभी नियमित सरकारी कर्मचारियों को शामिल करने के लिये कवरेज का विस्तार किया गया है। इसके अलावा, इस योजना को बागवानी और मत्स्य पालन विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ IAS, IPS और IFoS के साथ-साथ उनके आश्रितों को शामिल करने के लिये पायलट आधार पर बढ़ाया जा रहा है।
- इसे सभी नियमित सरकारी कर्मचारियों के लिये विस्तारित कर दिया गया है। इसके अलावा, इस योजना को पायलट आधार पर बागवानी और मत्स्य पालन विभाग, IAS, IPS एवं तथा IFoS के कर्मचारियों तथा उनके आश्रितों तक भी बढ़ाया जा रहा है।
- यह योजना आयुष्मान भारत हरियाणा स्वास्थ्य संरक्षण प्राधिकरण (राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण) के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है।
- इसके अंतर्गत सूचीबद्ध प्रक्रियाएँ पूर्ण रूप से कैशलेस होंगी और अस्पताल को एक निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर एक ही प्लेटफॉर्म से उनके दावों को मंज़ूरी मिल जाएगी।
- यह योजना लाभार्थियों एवं अन्य हितधारकों को अधिक कुशल, निर्बाध, परेशानी मुक्त और समयबद्ध सेवाएँ प्रदान करेगी।
- यह योजना मौजूदा प्रावधानों के अनुसार न केवल छः जीवन-घातक आपात बिमारियों यानी हृदय संबंधी आपात स्थिति, मस्तिष्क रक्तस्राव, कोमा, बिजली का झटका, थर्ड व फोर्थ स्टेज कैंसर रोगी, और किसी भी प्रकार की दुर्घटनाओं को कवर करती है, बल्कि यह लाभार्थियों की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करते हुए सभी प्रकार के इनडोर उपचारों /डे केयर प्रक्रियाओं को भी कवर करती है।
- ये सेवाएँ इस योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) के पैनल में शामिल सभी अस्पतालों में लाभार्थियों के लिये उपलब्ध होंगी।
- सूचीबद्ध अस्पतालों में योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिये सभी लाभार्थियों को ई-कार्ड/CCHF कार्ड जारी किया जाएगा।
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