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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Dec 2024
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संभल मस्जिद पर ASI की प्रतिक्रिया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने संभल में मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के नियंत्रण और प्रबंधन के लिये संभल की सिविल कोर्ट से अनुरोध किया है, जिसमें मस्जिद को संरक्षित विरासत स्थल का दर्जा दिया गया है। यह अनुरोध मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये कोर्ट की मंज़ूरी के बाद किया गया है।

मुख्य बिंदु

  • संभल मस्जिद को लेकर विवाद:
    • 19 जनवरी, 2018 को मस्जिद की प्रबंधन समिति के विरुद्ध उचित प्राधिकरण प्राप्त किये बिना मस्जिद की सीढ़ियों पर स्टील की रेलिंग लगाने के आरोप में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई थी।
    • ASI ने कहा कि शाही जामा मस्जिद, जिसे प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम 1904 के तहत 1920 में संरक्षित स्मारक के रूप में अधिसूचित किया गया था, उसके अधिकार क्षेत्र में आती है।
    • ASI ने तर्क दिया कि मस्जिद की प्रबंधन समिति ने अनधिकृत संरचनात्मक संशोधन किये हैं, जो गैरकानूनी हैं और इन्हें प्रतिबंधित किया जाना चाहिये।
  • पहुँच और विनियमन:
    • ASI ने कहा कि मस्जिद तक जनता की पहुँच स्वीकार्य है, लेकिन केवल तभी जब वह ASI नियमों का पालन करे।
    • ASI ने मस्जिद पर पूर्ण नियंत्रण और प्रबंधन की मांग की है, तथा स्मारक के रखरखाव और इसकी संरचना में किसी भी परिवर्तन को विनियमित करने की अपनी जिम्मेदारी पर बल दिया है।
  • न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान हिंसा:
    • 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के न्यायालय द्वारा आदेशित सर्वेक्षण के दौरान संभल में हिंसा भड़क उठी।
    • झड़पों के दौरान चार लोग मारे गए तथा कई अन्य घायल हो गए।
  • न्यायिक आयोग:
    • हिंसा की जांच के लिये 28 नवंबर, 2024 को तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया।
    • आयोग यह निर्धारित करेगा कि हिंसा स्वतःस्फूर्त थी या पूर्वनियोजित साजिश का हिस्सा थी।
    • जांच में हिंसा के कारणों का विश्लेषण किया जाएगा तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये उपाय सुझाए जाएँगे।
    • इसे दो महीने के भीतर अपने निष्कर्ष प्रस्तुत करने होंगे तथा किसी भी विस्तार के लिये सरकार की मंज़ूरी लेनी होगी।
  • सर्वेक्षण और मंदिर याचिका:
    • अदालत द्वारा आदेशित सर्वेक्षण एक याचिका से जुड़ा था जिसमें दावा किया गया था कि संभल में जामा मस्जिद मूल रूप से मोहल्ला कोट पूर्वी में स्थित एक हरि हर मंदिर था और इसे 1529 में मस्जिद में परिवर्तित कर दिया गया था।
  • ऐतिहासिक संदर्भ:
    • संभल की जामा मस्जिद बाबर के शासनकाल (1526-1530) के दौरान बनाई गई तीन मस्जिदों में से एक है। अन्य मस्जिदों में पानीपत की मस्जिद और अब ध्वस्त हो चुकी बाबरी मस्जिद शामिल हैं।
    • इतिहासकार हॉवर्ड क्रेन ने अपनी कृति, द पैट्रोनेज ऑफ बाबर एंड द ऑरिजिंस ऑफ मुगल आर्किटेक्चर में मस्जिद की स्थापत्य कला की विशेषताओं का वर्णन किया है।
    • क्रेन ने एक फ़ारसी शिलालेख का उल्लेख किया जिसमें कहा गया है कि बाबर ने अपने सूबेदार जहाँगीर कुली खान के माध्यम से दिसंबर 1526 में मस्जिद के निर्माण का आदेश दिया था।

प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम, 1904

  • परिचय:
    • यह अधिनियम 1904 में ब्रिटिश भारत में लॉर्ड कर्जन के कार्यकाल के दौरान पारित किया गया था।
    • इसका उद्देश्य ऐतिहासिक, पुरातात्विक और कलात्मक महत्त्व के प्राचीन स्मारकों और वस्तुओं को संरक्षित करना था।
  • प्रमुख प्रावधान:
    • इसने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को प्राचीन भारतीय स्मारकों के संरक्षण और पुनरुद्धार का अधिकार दिया।
    • अवैध तस्करी को रोकने के लिये पुरावशेषों की आवाजाही और व्यापार को विनियमित किया गया।
    • निर्दिष्ट क्षेत्रों में पुरातात्विक उत्खनन पर नियंत्रण का प्रावधान किया गया।
    • कुछ मामलों में संरक्षण के लिये प्राचीन स्मारकों के अधिग्रहण को सुगम बनाया गया।
  • महत्त्व:
    • एक संरचित कानूनी ढाँचे के तहत भारत की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करने में एक आधारभूत भूमिका निभाई।
    • स्मारक संरक्षण में ASI की ज़िम्मेदारियों को बढ़ाया गया।


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उत्तर प्रदेश ने महाकुंभ क्षेत्र को नया ज़िला घोषित किया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में महाकुंभ क्षेत्र को नया ज़िला घोषित किया है।  

  • इसे जनवरी 2025 में होने वाले आगामी कुंभ मेले के प्रबंधन और प्रशासन को सुव्यवस्थित करने के लिये बनाया गया था।

मुख्य बिंदु

  • यह अधिसूचना उत्तर प्रदेश प्रयागराज मेला प्राधिकरण, प्रयागराज अधिनियम, 2017 की धारा 2 (th) के अंतर्गत जारी की गई।
    • यह महाकुंभ 2025 के आयोजन के लिये आधिकारिक तौर पर महाकुंभ मेला ज़िले की घोषणा करता है।
    • मेला अधिकारी को नये ज़िले का प्रशासनिक अधिकारी बनाया गया।
  • मेला अधिकारी की शक्तियाँ एवं जिम्मेदारियाँ:
    • मेलाधिकारी, कुंभ मेला, प्रयागराज, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-14 ​​(1) और संबंधित धाराओं के तहत कार्यपालक मजिस्ट्रेट, ज़िला मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त ज़िला मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ  धारण करेंगे।
    • मेलाधिकारी को सभी मामलों को निपटाने के लिये उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता, 2006 (2016 में संशोधित) के तहत ज़िला मजिस्ट्रेट और कलेक्टर की सभी शक्तियाँ भी प्राप्त होंगी।
    • मेला अधिकारी को ज़िले के लिये अतिरिक्त कलेक्टर नियुक्त करने का अधिकार है।

महाकुंभ

  • कुंभ मेला संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची के अंतर्गत आता है।
  • यह पृथ्वी पर तीर्थयात्रियों का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण समागम है, जिसके दौरान प्रतिभागी पवित्र नदी में स्नान करते हैं या डुबकी लगाते हैं।
  • चूँकि यह भारत के चार अलग-अलग शहरों में आयोजित किया जाता है, इसमें विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं, जिससे यह सांस्कृतिक रूप से विविध त्योहार बन जाता है।
  • एक महीने से अधिक समय तक चलने वाले इस मेले में एक विशाल तम्बूनुमा बस्ती का निर्माण किया जाता है, जिसमें झोपड़ियाँ, मंच, नागरिक सुविधाएँ, प्रशासनिक और सुरक्षा उपाय शामिल होते हैं।
    • इसका आयोजन सरकार, स्थानीय प्राधिकारियों और पुलिस द्वारा अत्यंत सावधानी से किया जाता है।
  • यह मेला विशेष रूप से वनों, पहाड़ों और गुफाओं के सुदूर स्थानों से आये धार्मिक तपस्वियों की असाधारण उपस्थिति के लिये प्रसिद्ध है।


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