अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव | हरियाणा | 18 Nov 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 (IGM) समारोह के हिस्से के रूप में 11 दिवसीय ‘गीता प्रश्नोत्तरी’ शुरू किया गया। प्रतियोगिता में प्रतिदिन गीता और महाभारत से संबंधित पाँच प्रश्न पूछे जाते हैं। ओडिशा IGM 2024 का भागीदार राज्य है।
प्रमुख बिंदु
- गीता प्रश्नोत्तरी के उद्देश्य:
- इस प्रश्नोत्तरी का उद्देश्य लोगों, विशेषकर युवाओं को गीता और महाभारत के बारे में शिक्षित करना है।
- प्रतिभागियों को पवित्र पुस्तकें उठाकर उत्तर खोजने, चर्चा और जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है।
- यह प्रश्नोत्तरी मुख्य महोत्सव शुरू होने से पहले श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों के लिये एक अभिमुखीकरण पाठ्यक्रम के रूप में कार्य करती है।
- प्रतियोगिता प्रारूप और पुरस्कार:
- प्रश्नोत्तरी की दो श्रेणियाँ हैं: सार्वजनिक और विद्यार्थी।
- प्रत्येक दिन प्रत्येक श्रेणी से 20 विजेताओं को 500-500 रुपए मिलेंगे।
- प्रश्नोत्तरी के अंत में, प्रत्येक श्रेणी के 25 विजेताओं को 1,000 रुपए मिलेंगे, जिनमें से 10 विजेता हरियाणा से, 10 अन्य राज्यों से और 5 विजेता ओडिशा से IGM 2024 में शामिल होंगे।
- शीर्ष प्रेरकों को मौद्रिक पुरस्कार और उत्कृष्टता प्रमाण पत्र भी प्रदान किये जाएंगे।
- स्कूली छात्रों और गुणवत्तापूर्ण प्रश्नों पर ध्यान देना:
- स्कूल जाने वाले बच्चे प्रतिभागियों का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं।
- भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये दैनिक विजेताओं की संख्या दोगुनी कर दी गई है, जबकि प्रश्नों की गुणवत्ता में सुधार किया जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 2024 (IGM)
- यह उत्सव नैतिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को बढ़ावा देता है तथा आज के चुनौतीपूर्ण समय में प्रासंगिकता प्रदान करता है।
- इस महोत्सव का उद्देश्य भगवद् गीता की शाश्वत शिक्षाओं के माध्यम से लोगों को प्रबुद्ध करना है, जिसे प्रायः "दिव्य गीत" कहा जाता है।
- महोत्सव का इतिहास:
- हरियाणा सरकार और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के संयुक्त प्रयासों से वर्ष 1989 से कुरुक्षेत्र, हरियाणा में गीता महोत्सव मनाया जाता रहा है।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान:
- वर्ष 2016 में हरियाणा ने इस उत्सव को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के रूप में घोषित किया, जिसके तहत कुरुक्षेत्र में दो मिलियन से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ।
- हाल के समारोहों की मुख्य विशेषताएँ:
- अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों एवं शिल्पकारों की भागीदारी।
- धार्मिक एवं आध्यात्मिक संगठनों द्वारा बड़े शिल्प मेले एवं प्रदर्शनियाँ।
- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा गीता पर आयोजित संगोष्ठी में भारतीय और विदेशी विद्वानों ने भाग लिया।
- 18,000 विद्यार्थियों द्वारा गीता का वैश्विक जप।
- गीता शोभायात्रा, विभिन्न भारतीय क्षेत्रों के खाद्य स्टाल और एक भव्य शिल्प मेला।
- सांस्कृतिक और आध्यात्मिक प्रभाव:
- यह महोत्सव सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देता है, वैश्विक दर्शकों को आकर्षित करता है और प्रत्येक वर्ष इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।
- अपने विविध कार्यक्रमों के माध्यम से गीता महोत्सव विभिन्न क्षेत्रों और देशों के लोगों को एकजुट करता है तथा भगवद् गीता के सार का उत्सव मनाता है।