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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Apr 2024
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उत्तराखंड आदि कैलाश और ओम पर्वत शिखर के लिये हेलीकॉप्टर सेवा

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में नैनी सैनी हवाई अड्डे से आदि कैलाश और ओम पर्वत शिखर के लिये हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की गई थी।

मुख्य बिंदु:

  • उत्तराखंड सरकार की हेली दर्शन योजना के तहत, एक Mi-19 हेलीकॉप्टर तीर्थयात्रियों को हवाई अड्डे से व्यास घाटी क्षेत्र में आदि कैलाश और ओम पर्वत तक ले जाएगा तथा शिखर पर चढ़ने के बाद वापस लौटेंगा।
    • इस सेवा का शुभारंभ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा ने किया।

आदि कैलाश

  • इसे शिव कैलाश, छोटा कैलाश, बाबा कैलाश या जोंगलिंगकोंग पीक के नाम से भी जाना जाता है, यह उत्तराखंड के पिथौरागढ़ ज़िले में हिमालय पर्वत शृंखला में स्थित एक पर्वत है।


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ल्यूमिनस ने उत्तराखंड में सौर मॉड्यूल सुविधा में निवेश किया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ल्यूमिनस पावर टेक्नोलॉजीज़ ने उत्तराखंड के रुद्रपुर में 250 मेगावाट की सौर मॉड्यूल विनिर्माण सुविधा का उद्घाटन किया।

  • ल्यूमिनस ने कनेक्टेड ऊर्जा समाधानों को एकीकृत करने वाले अपने सौर पारिस्थितिकी तंत्र दृष्टिकोण को प्रदर्शित करने हेतु संयंत्र में एक इमर्सिव एक्सपीरियंस सेंटर भी लॉन्च किया।

मुख्य बिंदु:

  • 1.2 अरब रुपए के शुरुआती निवेश से निर्मित पूरी तरह से स्वचालित 10 एकड़ का संयंत्र 1 गीगावॉट क्षमता तक विस्तार योग्य है।
    • यह लॉन्च ल्यूमिनस के लिये केवल सोलर इनवर्टर और बैटरी बनाने वाली कंपनी से अब सोलर मॉड्यूल बनाने की कंपनी में एक रणनीतिक बदलाव का प्रतीक है।
    • कंपनी यह भी दावा करती है कि वह एकमात्र भारतीय फर्म है जो संपूर्ण सौर ऊर्जा उत्पादन प्रणाली डिज़ाइन तथा निर्माण कर सकती है।
  • यह सुविधा आवासीय, वाणिज्यिक और कृषि आवश्यकताओं के लिये 5BB (बसबार्स) से 16BB कॉन्फ़िगरेशन तक अनुकूलनशीलता के साथ पॉलीक्रिस्टलाइन, मोनोक्रिस्टलाइन, एन-प्रकार तथा TOPCon सौर पैनलों का उत्पादन करेगी।
  • कंपनी ने सौर मॉड्यूल प्रौद्योगिकी विकास के लिये ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी की है।
  • यह लॉन्च सरकार के 'मेक इन इंडिया' मिशन और हाल ही में घोषित 'पीएम सूर्य घर: मुफ्त विद्युत योजना' सौर कार्यक्रम के अनुरूप है।
    • मूल रूप से 1 करोड़ घरों में 1-3 किलोवाट (किलोवाट) सौर प्रणालियों की स्थापना पर पूरी तरह से सब्सिडी देने का इरादा था, यह योजना अब लागत का 60% तक कवरेज प्रदान करती है, परिवारों को शेष राशि को पूरी करने की आवश्यकता होती है, भले ही सुलभ ऋण के साथ।
    • इस योजना में हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त विद्युत उत्पन्न करने की परिकल्पना की गई है, जिससे परिवारों को सालाना 15,000-18,000 रुपए का लाभ होगा।
  • मेरकॉम इंडिया रिसर्च द्वारा हाल ही में जारी "भारत में सोलर पीवी विनिर्माण की स्थिति 2024" रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने कैलेंडर वर्ष 2023 में 20.8 गीगावॉट सौर मॉड्यूल और 3.2 गीगावॉट सौर सेल क्षमता जोड़ी।

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