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स्टेट पी.सी.एस.

  • 02 Mar 2024
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उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में नई हेली सेवा का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के भीतर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिये उत्तराखंड में हेली सेवा का उद्घाटन किया।

मुख्य बिंदु:

  • नई शुरू की गई हेलीकॉप्टर सेवा हलद्वानी को मुनस्यारी, पिथौरागढ और चंपावत से जोड़ेगी।
  • यह पहल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना का एक हिस्सा है जिसका उद्देश्य इन दूरदराज़ के क्षेत्रों के बीच की दूरी को कम करना है।
    • उत्तराखंड के चुनौतीपूर्ण इलाकों के कारण, हवाई कनेक्टिविटी रोज़मर्रा की यात्रा और महत्त्वपूर्ण आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं दोनों में सहायता करेगी।
  • यह लॉन्च हाल ही में जॉली ग्रांट हवाई अड्डे पर एक नए टर्मिनल भवन के उद्घाटन के बाद हुआ है।
  • आगामी हवाई मार्गों की भी घोषणा की गई, जिनमें देहरादून से अमृतसर, देहरादून से पंतनगर और देहरादून से अयोध्या शामिल हैं।

क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना: उड़ान

  • परिचय:
    • क्षेत्रीय हवाई अड्डे के विकास और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) लॉन्च किया गया था।
    • यह राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन नीति, 2016 का एक हिस्सा है।
    • यह योजना 10 वर्ष की अवधि के लिये लागू है।
  • चरण:
    • चरण 1 को वर्ष 2017 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य देश में अनुपयोगी और असेवित हवाईअड्डे को शुरू करना था।
    • चरण 2 को वर्ष 2018 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य देश के अधिक दूरस्थ और दुर्गम हिस्सों में हवाई संपर्क का विस्तार करना था।
    • चरण 3 को नवंबर 2018 में लॉन्च किया गया था, जिसमें देश के पहाड़ी और दूरदराज़ के क्षेत्रों में हवाई संपर्क बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
    • उड़ान योजना का चरण 4 दिसंबर 2019 में शुरू किया गया था, जिसमें द्वीपों और देश के अन्य दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने पर ध्यान केंद्रित किया गया था।
    • चरण 5 को अप्रैल 2023 में लॉन्च किया गया था, जिसमें श्रेणी-2 (20-80 सीटें) और श्रेणी-3 (>80 सीटें) विमानों पर ध्यान केंद्रित किया गया था, जिसमें उड़ान के मूल तथा गंतव्य के बीच की दूरी पर कोई प्रतिबंध नहीं था।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण विधेयक, 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा विधानसभा ने वार्षिक गीता जयंती महोत्सव के आयोजन और भगवद गीता की शिक्षाओं को लोकप्रिय बनाने तथा प्रसारित करने के लिये एक स्वतंत्र प्राधिकरण स्थापित करने हेतु 'हरियाणा अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती मेला प्राधिकरण विधेयक, 2024' पारित किया।

मुख्य बिंदु:

  • महोत्सव के दौरान देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु और लोग स्थानीय लोगों के साथ उत्साहपूर्वक शामिल होते हैं। वर्तमान में, गीता जयंती महोत्सव के आयोजन के लिये राज्य में कोई स्वतंत्र प्राधिकरण/निकाय नहीं है।
  • विधेयक के अनुसार, प्राधिकरण का मुख्य कार्य श्रीमद्भगवद गीता की शिक्षाओं को लोकप्रिय बनाना और प्रसारित करना होगा साथ ही सांस्कृतिक व शैक्षिक सेमिनार, कार्यशालाएँ, मेले, प्रदर्शनियाँ तथा सम्मेलन आयोजित करना होगा।
  • प्राधिकरण में सदस्य होंगे, जिनमें अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री और वरिष्ठ उपाध्यक्ष के रूप में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री शामिल होंगे। राज्य सरकार द्वारा नामित एक उपाध्यक्ष होगा, जो एक प्रतिष्ठित व्यक्ति होगा।
  • गीता जयंती महोत्सव वर्षों से मनाया जाता रहा है और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड (KDB) इस कार्यक्रम का आयोजन करता रहा है।
    • KDB पहले की तरह कार्य करेगा। लेकिन एक नई अथॉरिटी इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखेगी कि इस उत्सव को वैश्विक स्तर पर कैसे आगे बढ़ाया जाए और भगवत गीता के संदेश को पूरे विश्व तक कैसे पहुँचाया जाए।

गीता जयंती महोत्सव

  • गीता महोत्सव का उत्सव लोगों में नैतिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान लाता है।
  • गीता जयंती का उत्सव मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को भगवद गीता की अमर और अमूर्त विरासत- दिव्य गीत से अवगत कराना है।
  • हरियाणा सरकार वर्ष 1989 से कुरुक्षेत्र शहर में KDB के सहयोग से गीता महोत्सव का उत्सव मना रही है।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा ने अवैध आप्रवासन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से विधेयक पारित किया

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हरियाणा विधानसभा ने हरियाणा पंजीकरण एवं निजी कोचिंग संस्थानों के विनियमन विधेयक, हरियाणा राज्य खेल संघ (पंजीकरण एवं विनियमन) विधेयक और हिसार मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी विधेयक के साथ-साथ अवैध आप्रवासन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एक विधेयक पारित किया।

मुख्य बिंदु:

  • हरियाणा रजिस्ट्रेशन एंड रेगुलेशन ऑफ ट्रैवल एजेंट्स बिल के प्रावधानों के अनुसार, जो कोई भी मानव तस्करी का प्रयास करेगा या इसमें शामिल पाया जाएगा या जाली दस्तावेज़ तैयार करने में शामिल पाया जाएगा, उसे कम-से-कम तीन वर्ष की कैद की सज़ा दी जाएगी लेकिन जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है और 2-5 लाख रुपए के बीच ज़ुर्माना भी देना होगा।
  • राज्य विधानसभा ने हरियाणा निजी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024 भी पारित किया।
    • विधेयक के प्रावधानों के तहत, प्रस्तावित कानून का उल्लंघन करने वाला एक निजी कोचिंग ऐसे प्रत्येक उल्लंघन के लिये उत्तरदायी होगा, जिसमें पहले उल्लंघन के लिये 25,000 रुपए और बाद के उल्लंघन के लिये 1 लाख रुपए का ज़ुर्माना होगा और यदि उल्लंघन फिर भी जारी रहता है तो निजी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।'
    • 'निजी कोचिंग संस्थान' का अर्थ है एक ही परिसर में एक संस्थान जिसमें किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के निकाय, कंपनी, समाज या ट्रस्ट द्वारा स्थापित, संचालित या प्रशासित एक ट्यूशन सेंटर शामिल है जो प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिये अध्ययन कार्यक्रम प्रदान करता है लेकिन इसमें प्रति दिन 50 छात्रों तक की व्यक्तिगत होम ट्यूशन शामिल नहीं है।
  • सदन ने राज्य और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर नियामक निकाय स्थापित करके खेल संघों के कामकाज के पंजीकरण एवं विनियमन की निगरानी के लिये हरियाणा राज्य खेल संघ (पंजीकरण एवं विनियमन) विधेयक, 2024 भी पारित किया।
  • हिसार मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी बिल, 2024 भी पारित किया गया, जिसके अनुसार हिसार मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र का तेज़ी से विकास और आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में इसके उद्भव ने शहरी प्रशासन, बुनियादी ढाँचे की कमी, विकेंद्रीकृत निर्णय लेने तथा स्वतंत्र रूप से बनाई गई टाउनशिप में चुनौतियाँ उत्पन्न कर दी हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ करने पर हिसार के नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता एवं खुशहाली पर असर पड़ सकता है।

मध्य प्रदेश Switch to English

केंद्र सरकार ने मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को स्वीकृति दी

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश में विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण तथा सुदृढ़ीकरण के लिये 3549.48 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है।

मुख्य बिंदु:

  • मध्य प्रदेश के सीहोर और रायसेन ज़िलों में हाइब्रिड वार्षिकी मोड के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग-146 B (शाहगंज बाईपास से बड़ी पैकेज-IV तक) के 41 किलोमीटर लंबाई वाले खंड को 4-लेन करने के लिये 776.19 करोड़ रुपए के आवंटन की स्वीकृति दी गई है।
  • प्रस्तावित परियोजना कोरिडोर जबलपुर, भोपाल, बैतूल और इंदौर शहरों तक पहुँचने के लिये यात्रा के समय को कम करेगा तथा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) एवं राज्य राजमार्ग (SH) नेटवर्क व अन्य महत्त्वपूर्ण शहर सड़कों से जुड़कर विभिन्न शहरी नोड्स को जोड़ेगा।
  • मध्य प्रदेश में हाइब्रिड एंप्युटी मोड के अंतर्गत अयोध्या बायपास के दोनों ओर राष्ट्रीय राजमार्ग-46 पर आशाराम तिराहा से भोपाल में राष्ट्रीय राजमार्ग-146 पर रत्नागिरी तिराहा तक 6-लेन की सर्विस रोड बनाने के लिये 1238.59 करोड़ रुपए के आवंटन की स्वीकृति दी गई है।
  • पैकेज-1 के अंतर्गत 1534.70 करोड़ रुपए की लागत से हाइब्रिड एन्यूटी मोड के तहत 34 किमी लंबे चासले 6 लेन इंदौर वेस्टर्न बायपास के निर्माण को स्वीकृति दी गई है।


झारखंड Switch to English

मत्स्य पालन विभाग के सचिव ने केज फार्मिंग की समीक्षा के लिये गेतलसूद बांध का दौरा किया

चर्चा में क्यों ?

हाल ही में मत्स्य विभाग के सचिव ने केज फार्मिंग की प्रगति की समीक्षा के लिये राँची के गेतलसूद बांध का दौरा किया। यह समीक्षा झारखंड मत्स्य पालन विभाग के सहयोग से की गई।

मुख्य बिंदु:

  • गेतलसूद जलाशय केज फार्मिंग के माध्यम से पंगेसियस और तिलापिया मछली प्रजातियों के संरक्षण के लिये एक केंद्र के रूप में कार्य करता है।
  • केज फार्मिंग पर कार्य वर्ष 2012-13 में शुरू हुआ, जिसमें विभिन्न योजनाओं के तहत 365 पिंजरे की स्थापना के साथ महत्त्वपूर्ण सफलता मिली।
    • इन पिंजरों ने 25 लाख से अधिक फिंगरलिंग (एक छोटी मछली) के वार्षिक भंडारण के साथ, मछली की आबादी में वृद्धि में योगदान दिया है।
    • बाज़ार तक पहुँच पहले से ही स्थापित है, स्थानीय रूप से उत्पादित मछली आस-पास के बाज़ारों में औसतन 120 रुपए प्रति किलोग्राम की कीमत पर बेची जाती है, जो क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि में योगदान करती है।
  • नीली क्रांति से संबंधित केंद्रीय क्षेत्र योजना (CSS) के तहत, मत्स्य विभाग ने वर्ष 2015-16 से वर्ष 2019-20 तक मत्स्य पालन के लिये एकीकृत विकास और प्रबंधन योजना शुरू की।
    • इस योजना के तहत कुल 14,022 पिंजरे स्वीकृत किये गए, जिसकी परियोजना लागत 420 करोड़ रुपए है।
    • प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत, 44,908 पिंजरों के लिये मंज़ूरी दी गई है, जिसकी कुल परियोजना लागत 1292.53 करोड़ रुपए है।

केज फार्मिंग

  • इसमें जाल के पिंजरे में बंद रहते हुए मौजूदा जल संसाधनों में मछलियों को बढ़ाना शामिल है जो जल के मुक्त प्रवाह की अनुमति देता है।
  • यह एक जलीय कृषि उत्पादन प्रणाली है जो बड़ी संख्या में मछलियों को रखने और पालने के लिये एक गोल या चौकोर आकार के फ्लोटिंग जाल के साथ एक फ्लोटिंग फ्रेम, जाल सामग्री एवं रस्सी, बोया, लंगर आदि के साथ मूरिंग सिस्टम से बनी होती है तथा इसे जलाशय, नदी, झील या समुद्र में स्थापित किया जा सकता है।
  • पिंजरे के फार्म प्राकृतिक धाराओं का उपयोग करने के लिये इस तरह से स्थित हैं, जो मछली को ऑक्सीजन और अन्य उपयुक्त प्राकृतिक परिस्थितियाँ प्रदान करते हैं।

भारत में नीली क्रांति

  • इसे भारत में सातवीं पंचवर्षीय योजना (FYP) के दौरान लॉन्च किया गया था जो वर्ष 1985 से वर्ष 1990 तक चली थी, जिसके दौरान सरकार ने मत्स्य किसान विकास एजेंसी (FFDA) को प्रायोजित किया था।
  • 8वीं FYP के दौरान, वर्ष 1992-97 तक, गहन समुद्री मत्स्य पालन कार्यक्रम शुरू किया गया था जिसमें बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ सहयोग को प्रोत्साहित किया गया था।
  • समय के साथ, तूतीकोरिन, पोरबंदर, विशाखापत्तनम, कोच्चि और पोर्ट ब्लेयर में मत्स्यन के बंदरगाह स्थापित किये गए।

प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMSSY)

  • PMMSY को 20,050 करोड़ रुपए के निवेश के साथ 'आत्मनिर्भर भारत' के हिस्से के रूप में पेश किया गया था। जो इस क्षेत्र में अब तक का सबसे अधिक निवेश है।
  • संस्थागत ऋण तक पहुँच को सुविधाजनक बनाने हेतु मछुआरों को बीमा कवरेज, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सुविधा भी प्रदान की जाती है।

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