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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 30 Sep 2024
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जीवित्पुत्रिका त्योहार

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में बिहार में जीवित्पुत्रिका त्योहार के दौरान नदियों और तालाबों में डूबने से 37 बच्चों सहित कम से कम 46 लोगों की मृत्यु हो गई।

मुख्य बिंदु 

  • जीवित्पुत्रिका:
    • जीवित्पुत्रिका, जिसे जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है, एक हिंदू त्योहार है जो मुख्य रूप से उत्तरी और पूर्वी भारत में, विशेषकर बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में मनाया जाता है। 
    • यह त्योहार माताएँ अपने बच्चों के कल्याण, लंबी आयु और समृद्धि के लिये व्रत रखती हैं।
    • यह त्योहार तीन दिनों तक चलता है।
    • नहाय-खाय: यह त्योहार माताओं के शुद्धिकरण स्नान और पौष्टिक भोजन का आनंद लेने के साथ शुरू होता है।
    • व्रत दिवस: दूसरे दिन कठोर व्रत अनुष्ठान किया जाता है।
    • पारण: यह त्योहार तीसरे दिन समाप्त होता है, जहाँ भोजन के साथ व्रत को तोड़ा जाता है।
    • यह त्योहार हिंदू पौराणिक कथाओं पर आधारित है, विशेष रूप से राजा जीमूतवाहन की कहानी को याद करते हुए, जिन्हें दूसरों के कल्याण के लिये उनके बलिदान के लिये सम्मानित किया जाता है।

बिहार के त्योहार 

  • छठ पूजा: यह एक प्राचीन हिंदू त्योहार है जो सूर्य देव और उनकी पत्नी उषा का सम्मान करता है। यह बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश में दीपावली के छह दिन बाद मनाया जाता है।
  • सोनपुर पशु मेला: एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला, जो दीपावली के बाद पूर्णिमा के दिन गंगा और गंडक नदियों के संगम पर आयोजित होता है। 
  • मकर संक्रांति: बिहार का फसल त्योहार, जो जनवरी में पुष्प चढ़ाने, गंगा में पवित्र स्नान और पूजा के साथ मनाया जाता है।
  • राजगीर महोत्सव: राजगीर में अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में नृत्य और संगीत का एक रंगारंग उत्सव आयोजित किया जाता है।
  • बुद्ध जयंती: मई माह में पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है
  • झिझिया लोक नृत्य: यह एक प्रसिद्ध लोक नृत्य है जो केवल महिलाओं द्वारा नवरात्रि त्योहार के दौरान किया जाता है।




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