इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

हरियाणा स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 May 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
हरियाणा Switch to English

दक्षिणी हरियाणा को हरा-भरा बनाने की सरकार की योजना

चर्चा में क्यों?

वन विभाग के अनुसार, दक्षिण हरियाणा के छह ज़िले वर्ष 2024 के मानसून सीज़न में 24 लाख पौधे लगाने की तैयारी में हैं।

मुख्य बिंदु:

  • फरीदाबाद द्वारा 5 लाख पौधे लगाकर इस पहल का नेतृत्व किया जाएगा, उसके बाद महेंद्रगढ़ द्वारा 4.9 लाख पौधे लगाए जाएंगे।
    • पलवल और गुड़गाँव द्वारा क्रमशः 3.7 लाख तथा 3.4 लाख पौधे लगाए जाएंगे, जबकि नूंह एवं रेवाड़ी प्रत्येक में 3.3 लाख पौधे लगाने की योजना बनाई जा रही है।
  • वार्षिक बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण प्रयासों के बावजूद गुड़गाँव के शहरी क्षेत्र में वन क्षेत्र 1% से भी कम है। वर्ष 2024 का व्यापक वृक्षारोपण अभियान हरित आवरण को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
    • वृक्षारोपण अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिये वन विभाग स्थानीय समुदायों को शामिल करने और पेड़ों के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने की योजना बना रहा है।
    • नव स्थापित हरित क्षेत्रों के संरक्षण और सुरक्षा के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये रोपण पहल को संभवतः शैक्षिक पहल के साथ जोड़ा जाएगा।
  • इस परियोजना का लक्ष्य गुड़गाँव की वायु गुणवत्ता में सुधार करना है जो स्विस कंपनी IQAir के अनुसार सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है।
    • इस फर्म की रिपोर्ट के अनुसार, शहर में PM 2.5 की सांद्रता 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में 11% बढ़ गई
  • भारतीय वन सर्वेक्षण (FSI) वर्ष 2019 और 2020 के दौरान वन क्षेत्र में 2.47 वर्ग किमी. की गिरावट का संकेत देता है।
    • हालाँकि उनकी उत्तरजीविता सुनिश्चित किये बिना बड़ी संख्या में पेड़ लगाना कोई प्रभावी समाधान नहीं है। क्षेत्र में पौधों की जीवित रहने की दर केवल 10 से 20% है, जो बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान की अपर्याप्तता को रेखांकित करती है।
    • पर्यावरणविद् क्षेत्र में जैवविविधता को बढ़ाने के लिये वृक्षारोपण अभियान ऑडिट और देशी प्रजातियों के पुनरुद्धार की आवश्यकता पर बल देते हैं।

भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey of India- FSI)

  • FSI की स्थापना जून 1981 में हुई थी और इसका मुख्यालय उत्तराखंड के देहरादून में है।
  • यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन है।
  • यह संगठन भूमि और वन संसाधनों की बदलती स्थितियों की समय-समय पर निगरानी करने के लिये वन सर्वेक्षण, अध्ययन एवं शोध करता है।
  • यह राष्ट्रीय योजना, संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के सतत् प्रबंधन के साथ-साथ सामाजिक वानिकी परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिये डेटा प्रस्तुत करता है।


 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2