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उत्तराखंड में मानव-वन्यजीव संघर्ष
चर्चा में क्यों?
राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल के अनुसार, वर्ष 2017 से अब तक हिमालयी राज्य में 444 लोग मानव-वन्यजीव संघर्ष में अपनी जान गंवा चुके हैं।
मुख्य बिंदु:
- पीड़ितों को मारने वाले जानवरों में तेंदुए, बाघ, भालू, साँप, हाथियों और तेंदुए शामिल थे।
- पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को कुल 21.3 करोड़ रुपए वितरित किये गए हैं।
- पीड़ितों के लिये मुआवज़ा राशि बढ़ाने के अलावा, यह पहली बार है कि राज्य ने मधुमक्खी, हॉर्नेट (तेज़ डंक मारने वाला भिंड), बंदर और लंगूर द्वारा हमला किये गए लोगों को अनुग्रह राशि देने का प्रावधान किया है।
- अनुग्रह भुगतान वह धनराशि है जो नैतिक दायित्व के कारण भुगतान किया जाता है न कि कानूनी दायित्व के कारण।
- अनुग्रह भुगतान वह धनराशि है जो नैतिक दायित्व के कारण भुगतान किया जाता है न कि कानूनी दायित्व के कारण।
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