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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 01 Mar 2024
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तेंदुओं की संख्या में वृद्धि

चर्चा में क्यों?

पर्यावरण मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक की गई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में तेंदुओं की संख्या वर्ष 2018 में 12,852 से 8% बढ़कर वर्ष 2022 में 13,874 हो गई।

मुख्य बिंदु:

  • तेंदुओं की सबसे अधिक संख्या मध्य प्रदेश (3,907) में दर्ज की गई, केवल तीन अन्य राज्यों महाराष्ट्र (1,985), कर्नाटक (1,879) और तमिलनाडु (1,070) में 1,000 से अधिक जानवरों की सूचना दी गई।
  • अवैध शिकार और मानव-पशु संघर्ष के कारण उत्तराखंड में बड़ी बिल्लियों की संख्या में 22% की गिरावट दर्ज की गई।
    • अरुणाचल प्रदेश, असम और पश्चिम बंगाल में सामूहिक रूप से 150% की वृद्धि के साथ 349 पशु हो गए।
  • भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा समन्वित विश्लेषण में शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानों में 3.4% की वार्षिक गिरावट दर्ज की गई, जबकि मध्य भारत एवं पूर्वी घाट, पश्चिमी घाट तथा उत्तर पूर्व की पहाड़ियाँ व ब्रह्मपुत्र बाढ़ के मैदानों में क्रमशः 1.5%, 1% और 1.3% प्रति वर्ष की वृद्धि दर्ज की गई।
  • रामनगर वन प्रभाग (उत्तराखंड) में तेंदुओं की संख्या में गिरावट आई है, जहाँ पिछले चार वर्षों में बाघों की संख्या में बहुत तेज़ी से वृद्धि देखी गई है।
    • पूर्वोत्तर राज्यों में तेंदुए की आबादी में उल्लेखनीय वृद्धि एक "नमूना विरूपण साक्ष्य" के कारण हुई, जो दर्शाता है कि पिछले वर्षों में कुछ व्यवस्थित सर्वेक्षण और कम कैमरे लगाए गए थे।

भारतीय वन्यजीव संस्थान

  • भारतीय वन्यजीव संस्थान, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वतंत्र निकाय है।
  • इसका गठन वर्ष 1982 में किया गया था
  • यह देहरादून, उत्तराखंड में स्थित है।
  • यह वन्यजीव अनुसंधान और प्रबंधन में प्रशिक्षण कार्यक्रम, शैक्षणिक पाठ्यक्रम तथा सलाह प्रदान करता है।


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