राजस्थान Switch to English
आर्द्रभूमियों को रामसर स्थलों के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान सरकार ने राज्य में 5 आर्द्रभूमियों को रामसर स्थलों के रूप में विकसित करने के लिये केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है।
- इससे पहले सांभर झील को मार्च 1990 में और केवलादेव घाना राष्ट्रीय उद्यान को अक्तूबर 1981 में रामसर स्थल के रूप में घोषित किया गया था।
मुख्य बिंदु:
- राज्य आर्द्रभूमि प्राधिकरण ने जोधपुर में खिंचन पक्षी अभयारण्य, जयपुर में चंदलाई, कोटा में कनवास पक्षी विहार, बीकानेर में लूणकरणसर और उदयपुर ज़िले में मेनार झील का प्रस्ताव दिया है।
- अधिकारियों के अनुसार, सभी 5 आर्द्रभूमियाँ मध्य एशियाई फ्लाईवे में आती हैं, जिसका उपयोग प्रवासी पक्षियों द्वारा किया जाता है जो गर्म तापमान के लिये नवंबर से फरवरी तक इस क्षेत्र में उड़ान भरना शुरू कर देते हैं।
- इन स्थलों पर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड औद्योगिक अपशिष्टों को पानी में छोड़े जाने से रोकने के लिये कार्रवाई कर रहा है। अतिक्रमण रोकने का प्रयास भी किया जा रहा है।
आर्द्रभूमि पर रामसर कन्वेंशन
- यह एक अंतर-सरकारी संधि है, जिसे 2 फरवरी, 1971 को कैस्पियन सागर के दक्षिणी तट पर स्थित ईरानी शहर रामसर में अपनाया गया था।
- भारत में यह 1 फरवरी, 1982 को लागू किया गया, जिसके तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की आर्द्रभूमियों को रामसर स्थल के रूप में घोषित किया गया।
- 2023 तक, भारत में कुल 75 रामसर स्थल हैं।
- रामसर टैग आर्द्रभूमि के बेहतर रखरखाव और प्रबंधन में मदद करता है और क्षेत्र के लिये पर्यटन को प्रोत्साहित करता है।
मध्य प्रदेश Switch to English
सिंगरौली में भूकंप
चर्चा में क्यों ?
नेशनल सेंटर ऑफ सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, मध्य प्रदेश के सिंगरौली ज़िले में 3.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
मुख्य बिंदु:
- NCS, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत आता है।
- भूकंप की घटनाओं को कंपन के परिमाण या तीव्रता के अनुसार मापा जाता है। परिमाण पैमाने को रिक्टर पैमाने के रूप में जाना जाता है।
- यह परिमाण भूकंप के दौरान जारी ऊर्जा से संबंधित है, जिसे पूर्ण संख्या में यानी 0-10 में व्यक्त किया जाता है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
राम मंदिर के लिये सुगंधित चावल
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ ने 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के अभिषेक समारोह के लिये अयोध्या में सुगंधित चावल भेजे गए।
मुख्य बिंदु
- इस अवसर पर अयोध्या राम मंदिर में "रामजी भोग और भंडारा" के लिये चावल ले जाने वाले 11 ट्रकों को मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
- अयोध्या राम मंदिर के लिये चावल भेजने हेतु 'द राइस मिलर्स एसोसिएशन ऑफ छत्तीसगढ़' द्वारा श्री राम मंदिर में एक अर्पण समारोह का आयोजन किया गया था।
- छत्तीसगढ़ में उत्पादित सर्वोत्तम किस्म के सुगंधित चावल आर. बी. गोल्ड को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के लिये चुना गया है।
- छत्तीसगढ़ का भगवान राम से पौराणिक संबंध है। रायपुर के बाहरी इलाके चंदखुरी को भगवान राम की माँ कौशल्या देवी का जन्मस्थान माना जाता है। चंदखुरी में विश्व का एकमात्र एक ऐसा मंदिर है, जो कौशल्या देवी को समर्पित है।
- ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने अपने 14 वर्ष के वनवास काल के दौरान कुछ दिन छत्तीसगढ़ में बिताए थे, जिसे राज्य सरकार ने "राम गमन पथ" के रूप में विकसित किया है।
- 'राम गमन पथ' परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में 248 स्थानों की पहचान कर उनका विकास करेगी, जहाँ भगवान राम, अपनी पत्नी देवी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अपने वनवास काल के दौरान रहे थे।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC)
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मुताबिक, उत्तराखंड में जल्द ही समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की जाएगी।
- UCC लागू करने का बिल जल्द ही विधानसभा में पेश किया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- UCC की परिकल्पना पूरे देश के लिये एक सामान कानून प्रदान करने की है, जो सभी धार्मिक समुदायों पर उनके व्यक्तिगत मामलों जैसे विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने आदि पर लागू होगा।
- संविधान के अनुच्छेद 44 अनुसार राज्य पूरे भारत में नागरिकों के लिये एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।
- अनुच्छेद 44 राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों (DPSP) में से एक है।
- अनुच्छेद 44 का उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में निहित "धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य" के उद्देश्य को मज़बूत करना है।
- गोवा एक समान नागरिक संहिता लागू करने वाला भारत का एकमात्र राज्य है।
हरियाणा Switch to English
प्री-जी. एस. टी. टैक्स के लिये OTS योजना
चर्चा के क्यों?
गुरुग्राम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्री-जी. एस. टी. से संबंधित लंबित कर भुगतान के निपटान हेतु वन टाइम सेटलमेंट-2023 (OTS ) योजना की शुरूआत की है।
- यह योजना 1 जनवरी से 30 मार्च, 2024 तक चालू रहेगी।
मुख्य बिंदु:
- कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन (HIPA), गुरुग्राम के सहयोग से एक जी. एस. टी. प्रशिक्षण संस्थान खोलने की भी घोषणा की।
- सरकार व्यापारियों और उद्योग संगठनों की मांगों का जवाब देने के लिये गुरुग्राम व हिसार में वस्तु एवं सेवा कर (GST) ट्रिब्यूनल की शाखाएँ स्थापित करने की योजना बना रही है।
- OTS योजना के तहत, कर राशि को चार श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा, जिसकी शुरुआत बिना विवाद वाले मामलों के लिये निर्विवाद शुल्क श्रेणी से होगी।
- करदाता इस श्रेणी में बिना किसी दंड या ब्याज के 100% राशि का भुगतान करेंगे।
- ₹50 लाख से कम के विवादित कर के मामले में करदाताओं को बकाया राशि का 30% भुगतान करना होगा और यदि विवादित कर राशि ₹50 लाख से अधिक है, तो उन्हें 50% का भुगतान करना होगा।
- तृतीय श्रेणी में अविवादित करों का निर्धारण विभाग द्वारा किया जायेगा जहाँ कोई अपील नहीं की गयी हो। यदि राशि ₹50 लाख से कम है तो करदाताओं को 40% और ₹50 लाख से अधिक होने पर 60% का भुगतान करना होगा। ज़ुर्माने और ब्याज से राहत मिलेगी।
- चौथी श्रेणी में कर दरों में अंतर के कारण बकाया राशि शामिल है। यहाँ, सरकार ने राशि में छूट दी है, जिससे करदाताओं को कुल राशि का केवल 30% भुगतान करना होगा।
- यदि बकाया राशि ₹10 लाख से ₹25 लाख के बीच है, तो राशि का भुगतान दो किश्तों में किया जा सकता है।
- यदि बकाया ₹25 लाख से अधिक है, तो भुगतान तीन किश्तों में बाँटा जा सकता है: पहले 90 दिनों में 40%, अगले 90 दिनों में 30% और अंतिम 90 दिनों में 30%।
- OTS योजना 30 जून, 2017 तक उत्पाद शुल्क और कराधान विभाग से संबंधित बकाया कर मुद्दों को संबोधित करती है। यह विशेष रूप से सात VAT-संबंधित अधिनियमों से संबंधित चिंताओं का समाधान करती है।
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