नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


उत्तर प्रदेश

विश्व का पहला एशियन किंग वल्चर संरक्षण केंद्र

  • 21 Jun 2024
  • 3 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में उत्तर प्रदेश ने महाराजगंज ज़िले में एशियन किंग वल्चर (एशियाई गिद्ध) के लिये विश्व का पहला संरक्षण और प्रजनन केंद्र स्थापित किया है।

मुख्य बिंदु:

  • इस सुविधा प्रबंधन का उद्देश्य एशियन किंग वल्चर की जीवसंख्या में सुधार करना है, जिन्हें वर्ष 2007 से अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की रेड लिस्ट में गंभीर रूप से संकटग्रस्त के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
  • केंद्र का नाम जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र है, जहाँ गिद्धों की 24x7 निगरानी की जा रही है।
  • एशियन किंग वल्चर (जिन्हें लाल सिर वाला गिद्ध भी कहा जाता है) अपने आवासों के नुकसान और घरेलू पशु-पक्षियों में डाइक्लोफेनाक, एक नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (NSAID: आमतौर पर दर्द से राहत, सूजन को कम करने में कारगर दवा), जो गिद्धों के लिये जहरीला हो जाता है, के अत्यधिक प्रयोग के कारण गंभीर रूप से संकटग्रस्त हैं।
  • वर्तमान में केंद्र में नर तथा मादा गिद्धों का एक जोड़ा है। एवियरी/पक्षीशाला में मौजूद तीन और मादाओं को धीरे-धीरे उनके नर सहचर मिल जाएँगे। यह पक्षीशाला 20 फीट गुणा 30 फीट की है।
  • केंद्र का उद्देश्य बढ़ते गिद्धों के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना और उन्हें एक जोड़ा प्रदान करना है। एक बार मादा द्वारा अंडा देने के बाद, जोड़े को उनके प्राकृतिक वातावरण में स्वतंत्र छोड़ दिया जाएगा।

एशियन किंग वल्चर (Asian King Vultures) 

  • यह भारत में पाई जाने वाली गिद्ध की 9 प्रजातियों में से एक है।
  • इसे एशियन किंग वल्चर या पांडिचेरी गिद्ध भी कहा जाता है, यह भारत में बड़े पैमाने पर पाया जाता था, लेकिन डाइक्लोफेनाक विषाक्तता के बाद इसकी संख्या में भारी कमी आई।
  • संरक्षण स्थिति:

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow