उत्तराखंड का जादुंग गाँव, पुनर्वास के लिये तैयार | 29 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
"अपनी तरह की पहली (First-of-Its-Kind)" पहल में, उत्तराखंड सरकार ने उत्तरकाशी ज़िले के जादुंग गाँव का एक प्रमुख "पर्यटन स्थल" के रूप में पुनर्निर्माण और पुनर्वास करने का निर्णय लिया है, जिसे वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से निवासियों द्वारा खली कर दिया गया था।
- यह गाँव वर्ष 1962 से भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के नियंत्रण में है।
- मुख्य बिंदु:
- पहल के हिस्से के रूप में, पर्यटन विभाग का लक्ष्य गाँव का पुनर्निर्माण करने के लिये मूल घर मालिकों के वंशजों को वापस बुलाना है, जो अब आस-पास के गाँवों में रहते हैं।
- अक्तूबर-नवंबर 1962 के युद्ध ने इस क्षेत्र को वीरान कर दिया था, जिससे भारत और चीन के बीच संबंधों पर असर पड़ा, कुछ सीमा विवाद अभी भी अनसुलझे थे।
- यह एक ठंडा रेगिस्तानी क्षेत्र है (लद्दाख की तरह) यहाँ उचित सड़क संपर्क है, जो इसे एक संभावित पर्यटन स्थल बनाता है।
- पहले चरण में, पर्यटन विभाग छह "जीर्ण" घरों का नवीनीकरण करेगा और उन्हें स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री का उपयोग करेगा तथा ग्रामीणों द्वारा संचालित स्थानीय वास्तुकला में होमस्टे के रूप में बढ़ावा देगा।
- यह पहल जादुंग गाँव के लिये "स्वरोज़गार के अवसर" उत्पन्न करेगी, साथ ही सभी को एक अद्वितीय पर्यटन स्थल भी प्रदान करेगी।
- ग्रामीणों को कम से कम 10 वर्षों तक होमस्टे का संचालन करना होगा, जिसके संचालकों का चयन उत्तरकाशी ज़िला प्रशासन द्वारा गाँव के मूल निवासियों के आवेदन के माध्यम से किया जाएगा।
- पर्यटन विभाग होमस्टे संचालकों को कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करने की भी योजना बना रहा है, जिसे विभाग द्वारा समय-समय पर आयोजित किया जाएगा। विभाग इन होमस्टे के विपणन और प्रचार-प्रसार हेतु आवश्यक सहायता भी प्रदान करेगा।
- अधिकारियों के मुताबिक, यह योजना सरकारी हस्तक्षेप से रिवर्स माइग्रेशन की दिशा में मील का पत्थर बनेगी और पर्यटन के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)
- यह एक समर्पित बल है जो तिब्बत (चीन) के साथ भारत की सीमाओं की सुरक्षा के लिये ज़िम्मेदार है।
- ITBP की स्थापना 24 अक्तूबर, 1962 को भारत-चीन युद्ध के दौरान की गई थी और यह एक सीमा रक्षक पुलिस बल है जिसके पास ऊँचाई वाले अभियानों की विशेषज्ञता है।
- ITBP को प्रारंभ में ‘केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल’ (CRPF) अधिनियम, 1949 के तहत स्थापित किया गया था। हालाँकि वर्ष 1992 में संसद ने ITBP अधिनियम लागू किया और वर्ष 1994 में इसके संबंध में नियम बनाए गए।
- ITBP को नक्सल विरोधी अभियानों सहित विभिन्न आंतरिक सुरक्षा कर्त्तव्यों के लिये भी तैनात किया गया है। यह बल उच्च ऊँचाई वाले बचाव और पर्वतारोहण अभियानों में अपनी विशेषज्ञता के लिये जाना जाता है।
नोट:
- भारत और चीन के बीच सीमा पूरी तरह से स्पष्ट रूप से सीमांकित नहीं है तथा कुछ हिस्सों पर कोई पारस्परिक रूप से सहमत वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) नहीं है।
- वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद LAC अस्तित्व में आई।
- भारत-चीन सीमा को तीन सेक्टरों में बाँटा गया है:
- पश्चिमी क्षेत्र: लद्दाख
- मध्य क्षेत्र: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड
- पूर्वी क्षेत्र: अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम