उत्तराखंड
उत्तराखंड कैबिनेट ने ‘UCC ड्राफ्ट रिपोर्ट’ को मंज़ूरी दी
- 05 Feb 2024
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चर्चा में क्यों?
4 फरवरी 2024 को राज्य कैबिनेट द्वारा UCC पैनल की मसौदा रिपोर्ट को मंज़ूरी देने के बाद, उत्तराखंड ने स्वतंत्रता के बाद समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने वाला पहला राज्य बनने की दिशा में एक और बड़ा कदम है।
मुख्य बिंदु:
- रिपोर्ट 6 फरवरी 2024 को विधानसभा में पेश की जाएगी, क्योंकि 70 सदस्यीय सदन में सत्तारूढ़ दल के पास 47 सीटें हैं, जिससे UCC विदेयक पास होने की संभावना अधिक हो जाती है।
- समान नागरिक संहिता कानूनों का एक समूह है जो सभी धर्मों और जनजातियों के पारंपरिक कानूनों का स्थान लेगा तथा विवाह, तलाक, विरासत एवं उत्तराधिकार समेत विभिन्न मुद्दों को नियंत्रित करेगा।
- भारत के संविधान के अनुसार UCC राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का एक हिस्सा है।
- वर्ष 2011 की राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार उत्तराखंड में 13.9% मुस्लिम आबादी है, जिसके अधिकांश लोग तराई क्षेत्र में रहते हैं।
समान नागरिक संहिता
- समान नागरिक संहिता पूरे देश के लिये एक समान कानून के साथ ही सभी धार्मिक समुदायों के लिये विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने आदि कानूनों में भी एकरूपता प्रदान करने का प्रावधान करती है।
- संविधान के अनुच्छेद 44 में वर्णित है कि राज्य भारत के पूरे क्षेत्र में नागरिकों के लिये एक समान नागरिक संहिता सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा।
- अनुच्छेद-44, संविधान में वर्णित राज्य के नीति निदेशक तत्त्वों में से एक है।
- अनुच्छेद 44 का उद्देश्य संविधान की प्रस्तावना में निहित "धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य" की अवधारणा को मज़बूत करना है।