उत्तर प्रदेश को नए मेडिकल कॉलेजों की अनुमति मिली | 02 Aug 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने उत्तर प्रदेश में सात नए मेडिकल कॉलेजों को अनुमति दी और दो मौजूदा कॉलेजों में सीटें बढ़ाईं।

मुख्य बिंदु

  • बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, सुल्तानपुर, कानपुर देहात और ललितपुर में स्वायत्त राज्य मेडिकल कॉलेजों के लिये कुल मिलाकर 600 MBBS सीटों की अनुमति जारी की गई है।
  • इसके अतिरिक्त, आगरा और मेरठ के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटों की संख्या में क्रमशः 72 तथा 50 की वृद्धि की गई है, जिससे आगरा मेडिकल कॉलेज में कुल सीटें 200 एवं मेरठ मेडिकल कॉलेज में 150 हो गई हैं।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission- NMC)

  • NMC भारत में चिकित्सा शिक्षा और अभ्यास के लिये सर्वोच्च नियामक निकाय है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 2020 में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 द्वारा भारतीय चिकित्सा परिषद (Medical Council of India- MCI) के स्थान पर की गई थी।
  • इसमें चार स्वायत्त बोर्ड शामिल हैं: स्नातक चिकित्सा शिक्षा बोर्ड, स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा बोर्ड, चिकित्सा मूल्यांकन और रेटिंग बोर्ड तथा नैतिकता एवं चिकित्सा पंजीकरण बोर्ड।
    • NMC के पास एक चिकित्सा सलाहकार परिषद भी है, जो चिकित्सा शिक्षा और प्रैक्टिस से संबंधित मामलों पर आयोग को सलाह देती है।
  • NMC प्रमुख स्क्रीनिंग परीक्षाओं जैसे कि NEET-UG, NEET-PG और FMGE के संचालन एवं देख-रेख के लिये ज़िम्मेदार है।
  • यह चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण के मानकों एवं गुणवत्ता, चिकित्सकों के पंजीकरण तथा नैतिकता एवं चिकित्सा संस्थानों के मूल्यांकन व रेटिंग को भी नियंत्रित करता है।
  • NMC ने प्रतिष्ठित विश्व चिकित्सा शिक्षा महासंघ (World Federation for Medical Education- WFME) मान्यता भी प्राप्त की है, जिसका अर्थ है कि एनएमसी द्वारा प्रदान की गई चिकित्सा डिग्रियों को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
    • WFME की स्थापना वर्ष 1972 में विश्व चिकित्सा संघ, विश्व स्वास्थ्य संगठन और अन्य संगठनों द्वारा की गई थी।