गणतंत्र दिवस परेड में उत्तर प्रदेश की झाँकी | 28 Jan 2025

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश की गणतंत्र दिवस झाँकी में प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का उत्सव मनाया गया, जिसमें ' समुद्र मंथन', 'अमृत कलश' और संगम तट पर स्नान करते संतों को दर्शाया गया। 

 

मुख्य बिंदु

  • मुख्य विषय एवं केंद्र:
    • 76वें गणतंत्र दिवस समारोह का मुख्य आकर्षण संविधान लागू होने के  पूरे 75 वर्ष, रहा।
    • इस झाँकी का थीम या विषय 'स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास' था, जो भारत की विरासत और प्रगति पर प्रकाश डालता है।
  • उत्तर प्रदेश की झाँकी की मुख्य विशेषताएँ:
    • झाँकी में महाकुंभ 2025 की भव्यता को दर्शाया गया तथा विरासत और विकास के संगम का चित्रण किया गया।
    • आगे की ओर झुका हुआ एक प्रमुख 'अमृत कलश' पवित्र 'अमृतधारा' के प्रवाह का प्रतीक है।
    • ऋषियों और मुनियों को शंख बजाते, संगम पर स्नान करते और ध्यान करते हुए दर्शाया गया है, जबकि भक्तगण गंगा, यमुना और प्राचीन सरस्वती के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं।
  • पौराणिक एवं सांस्कृतिक चित्रण:
    • झाँकी में 'समुद्र मंथन' की पौराणिक कथा का जीवंत चित्रण किया गया, जो महाकुंभ के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्त्व का प्रतीक है।
    • पीछे की ओर समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों को कलात्मक ढंग से दर्शाया गया।
  • महाकुंभ 2025 की तकनीकी विशेषताएँ:
    • झाँकी में कुंभ में कुशल सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन के लिये एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र (ICCC) के माध्यम से तकनीकी प्रगति पर ज़ोर दिया गया है।
    • यह विशाल सभा के प्रबंधन के लिये अत्याधुनिक डिजिटल तैयारियों पर प्रकाश डालता है।

गणतंत्र दिवस

  • गणतंत्र दिवस 26 जनवरी, 1950 को भारत के संविधान को अपनाने तथा देश के गणतंत्र में परिवर्तन की याद में मनाया जाता है, जो 26 जनवरी, 1950 को प्रभावी हुआ।

भारतीय संविधान ने 26 जनवरी, 1950 को प्रभावी होने पर भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 और भारत सरकार अधिनियम 1935 को निरस्त कर दिया। भारत ब्रिटिश राज का अधिराज्य नहीं रहा और संविधान सहित एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गया।