उत्तर प्रदेश
यूपी पुलिस पोर्टल को मिला स्कॉच पुरस्कार
- 12 Apr 2025
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चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश पुलिस की तकनीकी सेवा इकाई द्वारा विकसित जाँच, अभियोजन एवं दोषसिद्धि पोर्टल को स्कॉच पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
मुख्य बिंदु
- पोर्टल के बारे में:
- यह पुरस्कार पुलिस एवं सुरक्षा श्रेणी में दिया गया है।
- जाँच, अभियोजन एवं दोषसिद्धि पोर्टल उत्तर प्रदेश पुलिस की तकनीकी सेवा इकाई द्वारा विकसित किया गया है।
- यह पोर्टल माफिया, पोक्सो (POCSO), बलात्कार और अन्य जघन्य अपराधों से संबंधित मामलों में जाँच प्रक्रिया की निगरानी करता है।
- इसके माध्यम से समय पर चार्जशीट दाखिल करने और न्यायिक प्रक्रिया को तेज़ करने का कार्य किया जाता है।
- अब तक इस पोर्टल के जरिये 85,000 लोगों को दोषसिद्धि घोषित किया गया और 40,000 से अधिक पाँच वर्ष पुराने मामलों का निपटारा किया गया।
- स्कॉच पुरस्कार
- वर्ष 2003 में स्कॉच समूह द्वारा स्थापित किया गया था। यह एक स्वतंत्र नागरिक सम्मान है, जिसे उन व्यक्तियों, परियोजनाओं और संस्थानों को प्रदान किया जाता है, जो भारत के सतत विकास में उल्लेखनीय योगदान देते हैं।
- यह पुरस्कार विशेष रूप से शासन, वित्त, प्रौद्योगिकी और सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों को मान्यता देने के लिये प्रदान किया जाता है।
POCSO अधिनियम:
- परिचय:
- यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम 14 नवंबर, 2012 को लागू हुआ, जो वर्ष 1992 में बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के भारत के अनुसमर्थन के परिणामस्वरूप अधिनियमित किया गया था।
- इस विशेष कानून का उद्देश्य बच्चों के यौन शोषण और यौन उत्पीड़न के अपराधों को संबोधित करना है, जिन्हें या तो विशेष रूप से परिभाषित नहीं किया गया या पर्याप्त रूप से दंड का प्रावधान नहीं किया गया है।
- यह अधिनियम 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को बच्चे के रूप में परिभाषित करता है। अधिनियम अपराध की गंभीरता के अनुसार सज़ा का प्रावधान करता है।
- बच्चों के साथ होने वाले ऐसे अपराधों को रोकने के उद्देश्य से बच्चों के यौन शोषण के मामलों में मृत्युदंड सहित अधिक कठोर दंड का प्रावधान करने की दिशा में वर्ष 2019 में अधिनियम की समीक्षा तथा इसमें संशोधन किया गया।
- भारत सरकार ने POCSO नियम, 2020 को भी अधिसूचित कर दिया है।