झारखंड
बाघिनों को पलामू रिज़र्व में स्थानांतरित किया गया
- 20 Jun 2024
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चर्चा में क्यों ?
सूत्रों के अनुसार, पलामू टाइगर रिज़र्व (PTR) में स्थानांतरित हुए चार बाघों के जीवन निर्वहन के लिये दूसरे रिज़र्व से दो बाघिनों और एक बाघ को लाने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
- रिज़र्व में स्थापित सॉफ्ट रिलीज़ सेंटर (Soft Release Centers- SRC) में 350 जानवरों को स्थानांतरित करने के लिये केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की मंज़ूरी का इंतज़ार है।
- चीतल, सांभर और हिरणों को स्थानांतरित करने के लिये राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority- NTCA) से अनुमति पहले ही प्राप्त हो चुकी है।
- वन अधिकारियों ने बाघों के लिये पर्याप्त भोजन सुनिश्चित करने हेतु चार SRC स्थापित किये हैं, जिससे उन्हें रिज़र्व में प्रजनन करने में सहायता मिलेगी।
- इन केंद्रों में पशुओं को पूर्व-मुक्ति पिंजरों में रखा जाता है, जो उस स्थान के निकट रखे जाते हैं जहाँ उन्हें स्वछंद छोड़ा जाएगा।
- बारेसाढ़, लुकैया, मुंडू और धरधरिया में सॉफ्ट रिलीज़ से 10-10 हेक्टेयर क्षेत्र कवर होता है, जिससे चीतल के प्रजनन के लिये उपयुक्त वातावरण तैयार होता है, जो बाघों के लिये शिकार का कार्य करेगा।
- चीतल और सांभर को बेतला राष्ट्रीय उद्यान तथा भगवान बिरसा जैविक उद्यान (बिरसा चिड़ियाघर) से अलग SRC में स्थानांतरित किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2019 में जारी भारत में बाघों की स्थिति पर रिपोर्ट के अनुसार, PTR में कोई बाघ नहीं थे।
- PTR करीब 1,230 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत है। इसे वर्ष 1973 में बाघ अभयारण्य बनाया गया था।
केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण
- यह पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत एक सांविधिक निकाय है। इसका गठन वर्ष 1992 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत किया गया था।
- इसके अध्यक्ष केंद्रीय पर्यावरण मंत्री हैं और इसमें 10 सदस्य तथा एक सदस्य-सचिव हैं।
- प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य समृद्ध जैवविविधता के संरक्षण में राष्ट्रीय प्रयास को पूरक और मज़बूत बनाना है।
- यह प्राधिकरण चिड़ियाघरों को मान्यता प्रदान करता है तथा देश भर के चिड़ियाघरों को विनियमित करने का भी कार्य करता है।
- यह दिशा-निर्देश और नियम निर्धारित करता है जिसके तहत जानवरों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिड़ियाघरों के बीच स्थानांतरित किया जा सकता है।
- यह चिड़ियाघर कर्मियों के क्षमता निर्माण, नियोजित प्रजनन कार्यक्रमों और बाह्य-स्थाने अनुसंधान पर कार्यक्रमों का समन्वय और कार्यान्वयन करता है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA)
- यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की धारा 38L (1) के तहत एक वैधानिक निकाय है।
- इसकी स्थापना वर्ष 2005 में टाइगर टास्क फोर्स की सिफारिशों के बाद की गई थी।