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उत्तराखंड

टिहरी बांध

  • 25 Sep 2021
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

24 सितंबर, 2021 को टिहरी बांध जलाशय को पहली बार 830 मीटर ऊँचाई तक भरा गया।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि टिहरी जलविद्युत परियोजना के तहत अभी तक इसे 828 मीटर तक ही भरा जाता है, किंतु अगस्त महीने में ही सरकार से अनुमति मिलने के बाद जल के स्तर में वृद्धि की गई। इससे टिहरी हाइड्रो प्रोजेक्ट अपनी पूरी क्षमता से विद्युत उत्पादन कर पाएगा। 
  • उल्लेखनीय है कि पारिस्थितिकीविदों द्वारा हिमालयी क्षेत्र में बाँधों के निर्माण से आपदाओं की संभाव्यता को लेकर चिंता व्यक्त की जाती रही है। ऐसे में हिमालयीय पारिस्थितिकी की संवेदनशीलता को देखते हुए बाँधों के जलस्तर में वृद्धि गंभीर संकट उत्पन्न कर सकती है, जैसे हाल ही में नंदा देवी ग्लेशियर के टूटने से तपोवन-विष्णुगढ़ परियोजना के क्षेत्र में आपदा की स्थिति उत्पन्न हो गई थी।
  • भागीरथी नदी पर निर्मित टिहरी बाँध एवं जल विद्युत परियोजना का संचालन टिहरी हाइड्रो पॉवर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
  • इस परियोजना द्वारा वर्ष 2006 से विद्युत उत्पादन शुरू किया गया था। टिहरी जलविद्युत परिसर (2400 मेगावाट) के तीन घटक हैं-
  • टिहरी बांध एवं जलविद्युत परियोजना (1000 मेगावाट)
  • कोटेश्वर बांध एवं जलविद्युत परियोजना (400 मेगावाट)
  • टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट (1000 मेगावाट)
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