सूरजकुंड मेला 2025 | 19 Dec 2024
चर्चा में क्यों?
सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला 7 से 23 फरवरी 2025 के बीच फरीदाबाद में आयोजित किया जाएगा। अधिकारियों द्वारा मरम्मत कार्य पर लगभग 1.50 करोड़ रुपए खर्च किये जाने की संभावना है।
मुख्य बिंदु
- सूरजकुंड मेला:
- यह हमारे शिल्पकारों को कला प्रेमियों से जोड़ने का एक प्रभावी मंच है। यह मेला एक कला प्रदर्शनी और एक व्यापार केंद्र दोनों है।
- यह मेला भारत की हस्तशिल्प, हथकरघा और सांस्कृतिक विरासत की समृद्धि और विविधता को प्रदर्शित करता है।
- विभाग 2025 में मेला क्षेत्र का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें कारीगरों और प्रतिभागियों के लिये झोपड़ियों की संख्या बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा।
- वर्ष 2024 में, प्राधिकारियों ने लगभग 1,150 झोपड़ियाँ उपलब्ध कराईं, जिनमें 1,500 से अधिक स्वदेशी और 250 विदेशी शिल्पकारों को रहने की सुविधा दी गई।
- अतिरिक्त झोपड़ियों की संख्या अभी निर्धारित नहीं की गई है और यह खुली जगह की उपलब्धता पर निर्भर करेगी।
- मेले की बढ़ती लोकप्रियता और भागीदारी के चलते बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये मौसम प्रतिरोधी डिज़ाइन वाली अतिरिक्त झोपड़ियों की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
- प्राधिकारियों ने टिकट और पार्किंग सुविधाओं के लिये दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं।
- साझेदार राष्ट्र और विषय:
- बिम्सटेक देश (बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्याँमार, थाईलैंड, नेपाल और श्रीलंका) इस आयोजन के भागीदार राष्ट्र बने रहेंगे।
- आगामी मेले के लिये थीम राज्य की घोषणा अभी की जानी है, हालाँकि असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा और मिज़ोरम जैसे पूर्वोत्तर राज्यों पर कला और शिल्प के प्रदर्शन के लिये विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बिम्सटेक
- बिम्सटेक एक क्षेत्रीय संगठन है जिसमें 7 सदस्य देश शामिल हैं- बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्याँमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड।
- इसकी स्थापना 1997 में बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के देशों के बीच बहुमुखी तकनीकी और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से की गई थी।
- बिम्सटेक द्वारा कवर किया गया क्षेत्र लगभग 1.5 बिलियन लोगों का घर है, जिसका संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 3.8 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।