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State PCS Current Affairs

उत्तर प्रदेश

सबएक्यूट स्क्लेरोज़िंग पैनएनसेफलाइटिस

  • 20 Mar 2025
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश में खसरे के टीकाकरण की कम कवरेज के कारण सबएक्यूट स्क्लेरोज़िंग पैनएनसेफलाइटिस (SSPE) एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता बनी हुई है।

मुख्य बिंदु

  • SSPE के बारे में:
    • यह एक प्रगतिशील और घातक मस्तिष्क विकार है, जो खसरा (रूबेला) संक्रमण से जुड़ा होता है। 
    • यह संक्रमण होने के कई वर्षों बाद भी विकसित हो सकता है, भले ही व्यक्ति खसरे से पूरी तरह ठीक हो चुका हो।
    • यह रोग मुख्यतः बच्चों और किशोरों में पाया जाता है और पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक देखा जाता है। 
    • हालाँकि, SSPE के मामले दुनिया भर में देखे गये हैं, लेकिन पश्चिमी देशों में यह एक दुर्लभ बीमारी मानी जाती है।
  • कारण:
    • आमतौर पर, खसरा वायरस मस्तिष्क को प्रभावित नहीं करता है
    • लेकिन असामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया या वायरस के कुछ विशेष रूपों के कारण SSPE विकसित हो सकता है
    • इस स्थिति में मस्तिष्क में सूजन (इंफ्लेमेशन) उत्पन्न होती है, जो कई वर्षों तक बनी रह सकती है
    • खसरा वायरस की असामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया गंभीर जटिलताओं और मृत्यु का कारण बन सकती है।
  • लक्षण
    • SSPE के प्रारंभिक लक्षणों में स्कूल के प्रदर्शन में गिरावट, भूलने की प्रवृत्ति, गुस्से आना ध्यान भटकना, अनिद्रा और मतिभ्रम आदि शामिल हो सकते हैं। 
    • इसके अतिरिक्त, हाथों, सिर या शरीर की मांसपेशियों में अचानक झटके भी अनुभव किये जा सकते हैं।
    • जैसे-जैसे रोग बढ़ता है, दौरे पड़ने लगते हैं और असामान्य व अनियंत्रित मांसपेशी गतिविधियाँ  हो सकती हैं।
    • रोग के अगले चरण में, मांसपेशियाँ कठोर होने लगती हैं। भोजन निगलना कठिन हो सकता है। इसके अतिरिक्त, कुछ मामलों में रोगी की दृष्टि भी प्रभावित हो सकती है
    • अंतिम चरण में, शरीर का तापमान बढ़ सकता है और रक्तचाप एवं नाड़ी असामान्य हो सकती है
  • उपचार
    • SSPE का कोई निश्चित इलाज उपलब्ध नहीं है। इस रोग में उच्च मृत्यु दर देखी जाती है। 
    • लक्षणों को नियंत्रित के लिये एंटीवायरल दवाएँ और प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने वाली दवाएँ दी जा सकती हैं।

खसरा:

  • परिचय:
    • खसरा वायरस मॉर्बिलीवायरस जीनस से आबद्ध, राइबोन्यूक्लिक एसिड वायरस है।
    • करीबी परिचितों को संक्रमित कर देगा। खसरा अत्यधिक संक्रामक बीमारी है और इससे संक्रमित व्यक्ति प्रायः अपने 90% से अधिक असुरक्षित निकट संपर्कों में वायरस के संचार का करण बनता है। 
    • वायरस पहले श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है, फिर पूरे शरीर में फैल जाता है। खसरा एक मानव रोग है और यह जंतुओं में नहीं होता है।
    • खसरे को दो-खुराक वाले टीके के माध्यम से पूरी तरह से रोका जा सकता है और उन्नत स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों वाले कई देशों में इसे आधिकारिक तौर पर समाप्त कर दिया गया है।
  • उपचार:
    • खसरे के वायरस के लिये कोई विशिष्ट एंटीवायरल उपचार मौज़ूद नहीं है।
    • भोजन से होने वाली गंभीर जटिलताओं से चिकित्सीय देखभाल के माध्यम से बचा जा सकता है जो अच्छा पोषण, पर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन और निर्जलीकरण का उपचार सुनिश्चित करता है।

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