विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट को नुकसान | 13 Apr 2024
चर्चा में क्यों?
मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले के ओंकारेश्वर बाँध पर स्थित विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट/संयंत्र को तूफान के कारण गंभीर क्षति हुई है।
मुख्य बिंदु:
- नर्मदा हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHDC) ने नुकसान का आकलन शुरू कर दिया है, लेकिन उसे विश्वास है कि संयंत्र जल्द ही विद्युत उत्पादन फिर से शुरू कर देगा।
- नर्मदा हाइड्रोइलेक्ट्रिक डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHDC लिमिटेड) मध्य प्रदेश सरकार और नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHPC लिमिटेड) के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
- ओंकारेश्वर बाँध के बैकवाटर पर निर्मित तैरती संरचना तैनाती के लिये पूरी तरह तैयार थी, जब हाल ही में गर्मियों के तूफान के दौरान 50 किमी. प्रति घंटे की तेज़ हवाओं ने इसे प्रभावित किया था।
- ओंकारेश्वर बाँध के बैकवाटर में केलवा खुर्द में 100 मेगावाट, इंदावाड़ी में 88 मेगावाट और खंडवा गाँव में 90 मेगावाट क्षमता के संयंत्र लगेंगे।
ओंकारेश्वर बाँध
- यह मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले में मांधाता के ठीक ऊपर नर्मदा नदी पर एक गुरुत्वाकर्षण बाँध है।
- इसका नाम अनुप्रवाह (Downstream) में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर के नाम पर रखा गया है।
- बाँध का निर्माण वर्ष 2003 और 2007 के बीच 132,500 हेक्टेयर (327,000 एकड़) की सिंचाई के लिये जल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया था।
- बाँध के आधार पर स्थित एक संबद्ध जल विद्युत ऊर्जा स्टेशन की स्थापित क्षमता 520 मेगावाट है।