बिहार
बक्सर और पश्चिम चंपारण में SEZ
- 29 Mar 2025
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चर्चा में क्यों?
बिहार के उद्योग मंत्री ने बक्सर और पश्चिम चंपारण में स्पेशल इकॉनोमिक ज़ोन (SEZ) स्थापित करने की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
- मुद्दे के बारे में:
- केंद्र सरकार ने इनके गठन को नवंबर 2024 तक मंजूरी प्रदान की थी।
- ये ज़ोन बक्सर के नवानगर और पश्चिम चंपारण के कुमारबाग में स्थापित किये जाएंगे।
- इनकी स्थापना से इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ने की उम्मीद है, जिससे रोज़गार सृजन और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र
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परिचय:
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) किसी देश के भीतर ऐसे क्षेत्र हैं जो प्रायः शुल्क मुक्त (राजकोषीय रियायत) होते हैं और यहाँ मुख्य रूप से निवेश को प्रोत्साहित करने तथा रोज़गार पैदा करने के लिये अलग-अलग व्यापार और वाणिज्यिक कानून होते हैं।
- SEZ इन क्षेत्रों को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिये भी बनाए गए हैं, जिससे व्यापार करने में आसानी होती है।
- भारत में SEZ:
- एशिया का पहला निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र (Export Processing Zones- EPZ) वर्ष 1965 में कांडला, गुजरात में स्थापित किया गया था।
- इन EPZs की संरचना SEZ के समान थी, सरकार ने वर्ष 2000 में EPZ की ढाँचागत और नौकरशाही चुनौतियों के निवारण के लिये विदेश व्यापार नीति के तहत SEZ की स्थापना शुरू की।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम वर्ष 2005 में पारित किया गया और वर्ष 2006 में SEZ नियमों के साथ लागू हुआ।
- वर्तमान में 379 SEZs अधिसूचित हैं, जिनमें से 265 चालू हैं। लगभग 64% SEZ पाँच राज्यों - तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में स्थित हैं।
- अनुमोदन बोर्ड सर्वोच्च निकाय है और इसका नेतृत्व वाणिज्य विभाग (वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय) के सचिव द्वारा किया जाता है।
- भारत की मौजूदा SEZ नीति का अध्ययन करने के लिये वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा बाबा कल्याणी के नेतृत्व वाली समिति का गठन किया गया था और नवंबर 2018 में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की थीं।
- इसे विश्व व्यापार संगठन (WTO) को अनुकूल बनाने और अधिकतम क्षमता का उपयोग करने तथा SEZs के संभावित उत्पादन को अधिकतम करने हेतु वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को लाने की दिशा में SEZ नीति का मूल्यांकन करने के व्यापक उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया था।
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