'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' का नारा लगाने पर राजद्रोह का आरोप | 11 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर एक पुनर्विचार याचिका पर हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया, जिसमें याचिकाकर्त्ता के खिलाफ IPC की धारा 124 A (देशद्रोह) के तहत आरोप तय किये गए कि उसने भारत के खिलाफ 'गंदी भाषा' का इस्तेमाल किया और 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' का नारा लगाया।
मुख्य बिंदु:
- कथित घटना के वीडियो के बाद, पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 A, 124 A, 504 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की और "कई समूहों के बीच दुश्मनी" पैदा करने के आरोप में आरोपियों को गिरफ्तार किया।
- भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124A राजद्रोह को उस अपराध के रूप में परिभाषित करती है, जब "कोई भी शख्स किसी तरह से, चाहे बोलकर या लिखकर या किसी संकेत से या फिर दूसरे तरीके से कानून के तहत बने सरकार के खिलाफ विद्रोह या असंतोष ज़ाहिर करता है या कोशिश करता है।”
- विद्रोह में वैमनस्य और शत्रुता की भावनाएँ शामिल होती हैं। हालाँकि इस धारा के तहत घृणा या अवमानना फैलाने की कोशिश किये बगैर की गई टिप्पणियों को अपराध की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाता है।
- बलवंत सिंह बनाम पंजाब राज्य (1995) मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने दोहराया कि भाषण को देशद्रोही करार देने से पहले उसके वास्तविक इरादे को ध्यान में रखा जाना चाहिये।
- राजद्रोह गैर-ज़मानती अपराध है। राजद्रोह के अपराध में तीन वर्ष से लेकर उम्रकैद तक की सज़ा हो सकती है और इसके साथ ज़ुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- इस कानून के तहत आरोपित व्यक्ति को सरकारी नौकरी प्राप्त करने से रोका जा सकता है।
- आरोपित व्यक्ति को पासपोर्ट के बिना रहना होता है, साथ ही आवश्यकता पड़ने पर उसे न्यायालय में पेश होना ज़रूरी है।
भारतीय दंड संहिता (IPC)
- भारतीय दंड संहिता (IPC) भारत की आपराधिक संहिता है जिसे वर्ष 1833 के चार्टर अधिनियम के अंर्तगत वर्ष 1834 में स्थापित पहले कानून आयोग के अनुरूप वर्ष 1860 में तैयार किया गया था।
- दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) भारत में आपराधिक कानून के प्रशासन के लिये प्रक्रियाएँ प्रदान करती है। इसे वर्ष 1973 में अधिनियमित किया गया और 1 अप्रैल 1974 को प्रभावी हुआ।