हरियाणा को सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश | 07 Jun 2024

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश को 137 क्यूसेक (प्रवाह की एक इकाई जो 1 घन फुट प्रति सेकंड के बराबर है) अधिशेष जल छोड़ने की अनुमति दे दी तथा हरियाणा सरकार को निर्देश दिया कि वह हथिनी कुंड बैराज से दिल्ली में इस जल का निर्बाध प्रवाह सुनिश्चित करे, ताकि पेयजल संकट का समाधान हो सके।

मुख्य बिंदु:

  • न्यायालय ने ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (UYRB) को हरियाणा के हथिनी कुंड में हिमाचल प्रदेश द्वारा छोड़े गए जल को मापने के लिये कहा।
  • राष्ट्रीय राजधानी में जल की कमी के बीच दिल्ली सरकार ने पड़ोसी राज्य हरियाणा से तत्काल अतिरिक्त जल प्राप्त करने के लिये सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
  • अपनी याचिका में दिल्ली सरकार ने कहा कि वह दिल्ली के नागरिकों द्वारा झेली जा रही गंभीर जल कमी के कारण याचिका दायर करने के लिये बाध्य है, जो उत्तर भारत, विशेषकर दिल्ली में जारी भीषण गर्मी के कारण उत्पन्न हुई है।

ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (UYRB)

  • ऊपरी यमुना नदी बोर्ड जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग, जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक अधीनस्थ कार्यालय है।
  • दिनांक 12 मई, 1994 को बेसिन राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के मुख्यमंत्रियों द्वारा ओखला बैराज तक यमुना नदी के उपयोज्य सतही प्रवाह के बँटवारे के समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए
    • MoU में ऊपरी यमुना नदी बोर्ड (UYRB) नामक एक बोर्ड के निर्माण का प्रावधान है।