हरियाणा में अनुसूचित जाति कोटे के द्विभाजन की सिफारिश | 23 Aug 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने सिफारिश की है कि सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों के लिये आरक्षित 20% कोटे का आधा हिस्सा वंचित अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों के लिये निर्धारित किया जाएगा।
- इसमें बाल्मीकि, धानक, खटिक और मज़हबी सिख जैसी 36 जातियाँयाँ शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- आयोग ने अनुसूचित जातियों (SC) के पिछड़ेपन के कारण सार्वजनिक रोज़गार में उनके प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता का पता लगाने के लिये डेटा विश्लेषण किया।
- मंत्रिपरिषद को भेजी गई आयोग की रिपोर्ट में सिफारिश की गई कि यदि वंचित अनुसूचित जातियों से उपयुक्त उम्मीदवार उपलब्ध न हों, तो रिक्त पदों को भरने के लिये चमार, जाटव, मोची, रैगर, रामदासिया और रविदासिया सहित अन्य अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों पर विचार किया जा सकता है।
- इसमें अनुसूचित जाति के 20% कोटे में से आधे को अन्य अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों के लिये आरक्षित करने का भी सुझाव दिया गया है।
- यदि इन समूहों के उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं, तो वंचित अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों पर विचार किया जा सकता है।
- रिपोर्ट में इस बात पर ज़ोर दिया गया है कि वरिष्ठता का क्रम मौजूदा प्रणाली के भीतर अलग-अलग अंकों की आवश्यकता के बिना एक सामान्य योग्यता सूची पर आधारित होगा।
- सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार, राज्य कुछ जातियों के अपर्याप्त प्रतिनिधित्व जैसे कारकों के आधार पर अनुसूचित जातियों को उप-वर्गीकृत कर सकता है।
- हालाँकि इसमें यह प्रावधान किया गया कि राज्य को यह प्रदर्शित करना होगा कि किसी जाति या समूह का अपर्याप्त प्रतिनिधित्व उसके पिछड़ेपन के कारण है तथा राज्य की सेवाओं में प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता पर आँकड़े एकत्र करने होंगे, क्योंकि इसका उपयोग पिछड़ेपन के सूचक के रूप में किया जाता है।