राजस्थान
राजस्थान में जल संचयन इकाइयों की स्थापना
- 07 Jun 2024
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चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में जल की कमी के मुद्दों के जवाब में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के साथ राज्य में जल संरक्षण के प्रयासों को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
- इस पहल के तहत अगले चार वर्षों में 20,000 गाँवों में 500,000 जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करने की योजना है।
मुख्य बिंदु:
- सरकारी आँकड़ों के अनुसार, देश के सबसे शुष्क क्षेत्रों में से एक राजस्थान लगातार जल की कमी से जूझ रहा है।
- राज्य में प्रतिवर्ष 100 मिमी. से 800 मिमी. तक वर्षा होती है, जिसके परिणामस्वरूप अनेक क्षेत्रों में जल की कमी हो जाती है, जिसमें बुनियादी पेयजल की आवश्यकता भी शामिल है।
- राज्य में भूजल पुनःपूर्ति में वर्षा का मुख्य योगदान है तथा पूरे क्षेत्र में जल स्तर में काफी भिन्नता है।
- एक सरकारी रिपोर्ट में राजस्थान को उन प्रमुख राज्यों में से एक बताया गया है जहाँ भूजल स्रोतों का अत्यधिक उपयोग किया गया है।
- राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (RIICO) ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत 500 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल वाले भूखंडों को पट्टे पर लेने वाले सभी व्यक्तियों को जल संरक्षण प्रयासों को बढ़ाने तथा भूजल स्तर को बढ़ाने के लिये अपनी संपत्ति पर वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित करना अनिवार्य होगा।
- राजस्थान पुलिस आवास एवं निर्माण निगम लिमिटेड (RPH&CCL) भी अपनी वर्तमान भवन परियोजनाओं में वर्षा जल संचयन को शामिल करेगा।
मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान
- मुख्यमंत्री ने 27 जनवरी 2016 को राजस्थान के झालावाड़ ज़िले के गरदान खेड़ी गाँव से इस अभियान का शुभारंभ किया।
- यह योजना फोर वाटर्स कांसेप्ट (Four Waters Concept) पर आधारित है, जिसमें संग्रहीत जल (Catchment Water) का उपचार, मौजूदा जल संचयन संरचनाओं का उचित उपयोग, गैर-कार्यात्मक जल संचयन संरचनाओं का नवीनीकरण तथा नई जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करना शामिल है।
राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम (RIICO)
- यह राजस्थान सरकार की एक प्रमुख एजेंसी है जिसने राजस्थान के औद्योगिक विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, इसका गठन वर्ष 1980 में किया गया था।
- 28 मार्च 1969 को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत राजस्थान राज्य औद्योगिक और खनिज विकास निगम (RSIMDC) के रूप में स्थापित एक सरकारी उद्यम को 1 जनवरी 1980 को दो संस्थाओं में विभाजित किया गया था:
- राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (Rajasthan State Industrial Development & Investment Corporation Limited- RIICO
- राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम (Rajasthan State Mineral Development Corporation- RSMDC)