मिलेट उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये मुफ्त बीज | 15 Mar 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान सरकार ने कदन्न उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये राज्य के किसानों को कदन्न/मिलेट्स और मोटे अनाज के मुफ्त बीज वितरित करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु:
- राज्य सरकार 12 लाख किसानों को मक्का के बीज, 800,000 किसानों को बाजरा के बीज, 700,000 किसानों को सरसों के बीज, 400,000 किसानों को मूंग के बीज और 100,000 किसानों को ज्वार तथा मोठ के बीज की मुफ्त मिनी किट प्रदान करेगी।
- देश के कुल कदन्न उत्पादन में राजस्थान की हिस्सेदारी 26% है।
- बाजरा और ज्वार राज्य में उत्पादित मुख्य कदन्न फसलें हैं तथा देश का 41% बाजरा उत्पादन राजस्थान में होता है।
- राज्य सरकार ने वर्ष 2022-23 में राजस्थान मिलेट प्रोत्साहन मिशन शुरू किया था और किसानों, उद्यमियों तथा स्वैच्छिक संगठनों द्वारा 100 प्राथमिक प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करने के लिये 40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था।
- पीएम किसान सम्मान निधि 6,000 रुपए से बढ़ाकर 8,000 रुपए प्रति किसान प्रतिवर्ष कर दी गई है, जबकि गेहूँ पर 125 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,400 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
राजस्थान मिलेट संवर्धन मिशन
- राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2022 में इसकी घोषणा की गई थी।
- इस मिशन के तहत जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के तहत मिलेट्स सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिये प्रावधान किये गए हैं, ताकि उन्नत किस्मों के मुफ्त बीज, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और बायो-इक्टिकाइड किट का रियायती दर पर वितरण, मिलेट्स की प्रथम 100 प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना पर अनुदान, बाजरा तथा अन्य मिलेट्स के संशोधन के लिये प्रोत्साहन तथा छोटे व सीमांत किसानों को नवीनतम तकनीकी जानकारी प्रदान की जा सके।
- ज्ञातव्य है कि मिलेट्स के अंतर्गत रागी, कांगनी, सावां, चीना, कोदो एवं कुटकी फसलें सम्मिलित हैं। उनकी पोषण गुणवत्ता के संबंध में जन जागरूकता कार्यक्रम प्रस्तावित किये गए हैं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
- PM-KISAN को वर्ष 2019 में 24 फरवरी को लॉन्च किया गया था।
- यह भारत सरकार से 100% वित्त पोषण के साथ एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।
- इसे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- योजना के तहत, केंद्र प्रति वर्ष 6,000 रुपए की राशि तीन समान किस्तों में सीधे सभी भूमिधारक किसानों के बैंक खातों में स्थानांतरित करता है, चाहे उनकी भूमि जोत का आकार कुछ भी हो।