राजस्थान सरकार ने राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को महाधिवक्ता नियुक्त किया | 05 Feb 2024
चर्चा में क्यों?
3 फरवरी 2024 को, राजस्थान सरकार ने राजस्थान उच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील राजेंद्र प्रसाद गुप्ता को राज्य का महाधिवक्ता नियुक्त किया।
मुख्य बिंदु:
- राजेंद्र प्रसाद गुप्ता जनवरी 2014 से जनवरी 2019 तक अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) थे।
- वकालत के क्षेत्र में उनकी अच्छी प्रतिष्ठा है और वे वर्ष 1985 से उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ में वकालत कर रहे हैं।
- वह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, जोधपुर के अकादमिक सदस्य हैं। उन्होंने एलएलबी की डिग्री हासिल करने के अलावा सीए भी किया है।
- महाधिवक्ता की नियुक्ति में देरी को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर होने के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है।
राज्य के महाधिवक्ता
- राज्य के महाधिवक्ता राज्यपाल द्वारा उन्हें भेजे गए कानूनी मामलों पर राज्य सरकार को सलाह देने के लिये ज़िम्मेदार हैं।
- यह भारत के संविधान के अनुच्छेद 165 के तहत विधिवत नियुक्त एक संवैधानिक पद और प्राधिकारी है। यह राज्य में सर्वोच्च कानून अधिकारी के रूप में कार्य करता है।
- इस अनुच्छेद के तहत, प्रत्येक राज्य का राज्यपाल एक ऐसे व्यक्ति को राज्य का महाधिवक्ता नियुक्त करेगा जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने के योग्य है।
- राज्य से जुड़े सभी मामलों में महाधिवक्ता राज्य की ओर से न्यायालय में उपस्थित होता है।
- महाधिवक्ता राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के सत्रों को संबोधित करने और उनमें भाग लेने का हकदार है तथा सदस्य नियुक्त होने पर उसे राज्य विधानमंडल की किसी भी समिति की गतिविधियों में भाग लेने का विशेषाधिकार है।
- लेकिन उन्हें मताधिकार प्राप्त नहीं है।
अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG)
- अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) एक कानूनी अधिकारी होता है जो भारत में किसी राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के महाधिवक्ता (AG) की सहायता करता है।
- AAG की नियुक्ति AG की सिफारिश पर राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है।
- AAG, AG द्वारा उसे सौंपे गए कर्त्तव्यों का पालन करता है, जैसे- राज्य सरकार की ओर से उच्च न्यायालय या अन्य न्यायालयों में उपस्थित होना, कानूनी राय देना और दलीलों का मसौदा तैयार करना।