रडार फैक्टरी | 07 Feb 2025

चर्चा में क्यों?

आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निकट बिझामई गाँव में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में 400 करोड़ रुपए की लागत से रडार बनाने की फैक्टरी स्थापित की जाएगी।

मुख्य बिंदु

  • कारखाने के बारे में
    • निर्माणकर्त्ता: 60 हेक्टेयर में विस्तृत यह फक्ट्री भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड द्वारा स्थापित की जाएगी। 
    • रडार निर्माण की सुविधा से देश की रक्षा प्रणाली में सुधार होगा, क्योंकि रडार की उच्च गुणवत्ता वाले निर्माण से सेना को बेहतर सुरक्षा और निगरानी प्रदान करने में मदद मिलेगी।
    • इस फैक्टरी के माध्यम से भारत को रडार और अन्य रक्षा उपकरणों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी, जिससे बाहरी देशों पर निर्भरता कम होगी

डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (DIC) 

  • यह केंद्र सरकार की एक प्रमुख सरकारी पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के रक्षा उद्योग को मज़बूती प्रदान करना और आत्मनिर्भर बनाना है।
  • डिफेंस कॉरिडोर एक रूट होता है, जिसमें कई शहर शामिल होते हैं। इन शहरों में सैन्य उपकरणों  के निर्माण के लिये इंडस्ट्री स्थापित की जाती हैं।
  • महत्त्व:

    • इससे देश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी, जिससे हमारा आयात कम होगा और अन्य देशों को इन वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा ।
    • यह प्रौद्योगिकियों के समन्वित विकास के माध्यम से रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देगा , एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित निजी घरेलू निर्माताओं के विकास को बढ़ावा देगा ।
  • वित्त वर्ष 2018-19 के बजट में देश में दो डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (Defence Industrial Corridor) बनाए जाने की घोषणा की गई थी। इनमें से पहला तमिलनाडु के पाँच शहरों (चेन्नई , कोयंबटूर , होसुर , सलेम और तिरुचिरापल्ली) और दूसरा उत्तर प्रदेश के छह शहरों (अलीगढ़, आगरा, झांसी, चित्रकूट, कानपुर और लखनऊ) में बन रहा है।