बिहार की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने हेतु EV की खरीद | 12 Jan 2024
चर्चा में क्यों?
हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में आयोजित बिहार इलेक्ट्रिक वाहन (EV) कॉन्क्लेव और एक्सपो के दौरान दो इलेक्ट्रिक कारों की खरीद की घोषणा की थी।
- यह बिहार में सतत् और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है।
मुख्या बिंदु:
- यह कार्यक्रम विश्व संसाधन संस्थान, भारत और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहयोग से बिहार परिवहन विभाग द्वारा आयोजित किया गया था।
- अपनी यात्रा के दौरान, मुख्यमंत्री सक्रिय रूप से प्रदर्शित EV के साथ जुड़े रहे और उनकी विशेषताओं तथा क्षमताओं के विषय में विस्तृत जानकारी मांगी।
- उन्होंने EV के पर्यावरणीय लाभों पर ज़ोर दिया और सुविधाजनक सार्वजनिक चार्जिंग सुविधाओं के लिये बुनियादी ढाँचे के विकास हेतु चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
- उन्होंने पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका पर ज़ोर देते हुए जनता से EV के लाभ तलाशने का आग्रह किया।
- परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया और प्रदूषण मुक्त राज्य प्राप्त करने के लिये आवश्यक सामूहिक प्रयासों पर ज़ोर दिया।
- परिवहन सचिव के अनुसार, वर्ष 2023 में कुल नए वाहन पंजीकरणों में EV की हिस्सेदारी 7% थी, जो राष्ट्रीय औसत 6% से अधिक थी।
- बिहार EV नीति के तहत मोटर वाहन कर में खरीद प्रोत्साहन, छूट और मज़बूत चार्जिंग अवसंरचना के प्रावधानों के तहत वर्ष 2028 के निर्धारित समय के अंदर राज्य में EV की पहुँच 15 प्रतिशत के लक्ष्य को पूरा करने के लिये निर्धारित है।
- विश्व संसाधन संस्थान (World Resources Institute- WRI) भारत के अनुसार, सिस्टम के डिजिटलीकरण से राज्यों में परिवहन प्रणाली की दक्षता में काफी सुधार हो सकता है।
- मांग एकत्रीकरण लागत में लगभग 30% की कमी ला सकता है और ई-बसों को अपनाने में सहायता कर सकता है।
- परिवहन बुनियादी ढाँचे में सुधार के लिये ओपन डेटा रिपॉजिटरी महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि वे बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये परिवहन बुनियादी ढाँचे की योजना को बेहतर बनाने में हमारी सहायता कर सकते हैं।
- वित्तपोषण में आसानी एक अन्य महत्त्वपूर्ण घटक है जो राज्यों को सार्वजनिक परिवहन के लिये एक सक्षम बाज़ार बनाने में सहायता कर सकता है।
- नीति आयोग के सलाहकार सुधेंदु ज्योति सिन्हा ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय सुझाए, जिनमें कुछ शहरों में आक्रामक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी पहल को लागू करना और स्कूलों को शुरुआत में इलेक्ट्रिक बसों पर स्विच करने के लिये प्रोत्साहित करना शामिल है।
विश्व संसाधन संस्थान (WRI)
- WRI वर्ष1982 में वाशिंगटन, डी.सी. में बनाया गया था। यह एक गैर-लाभकारी, विज्ञान तथा साक्ष्य आधारित संस्थान है जो वैश्विक पर्यावरण और विकास के मुद्दों पर कठोर नीति अनुसंधान करता है।
- इसका मिशन मानव समाज को ऐसे तरीकों से जीने के लिये प्रेरित करना है जो पृथ्वी के पर्यावरण की रक्षा करना तथा वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं व आकांक्षाओं को पूरा करने की क्षमता प्रदान करना।
- नीति आयोग
- नीति आयोग भारत सरकार के शीर्ष सार्वजनिक नीति थिंक टैंक के रूप में कार्य करता है।
- नोडल एजेंसी को आर्थिक विकास को गति देने और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने का कार्य सौंपा गया है।
- बॉटम-अप दृष्टिकोण का उपयोग करके आर्थिक नीति-निर्माण प्रक्रिया में भारत की राज्य सरकारों की भागीदारी के माध्यम से सौदेबाजी संघवाद से दूर जाना।