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मध्य प्रदेश

पीएम स्वनिधि योजना

  • 19 Jul 2024
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, मध्य प्रदेश ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में ‘सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य’ श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया है।

मुख्य बिंदु:

  • मध्य प्रदेश के बाद असम को ‘सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य- नवाचार और सर्वोत्तम अभ्यास पुरस्कार’ श्रेणी में दूसरा स्थान दिया गया है।
  • 'सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहरी स्थानीय निकाय- मेगा और मिलियन प्लस शहरों के साथ ऋण प्रदर्शन' श्रेणी में दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi- MCD) को पहला स्थान प्राप्त हुआ है, उसके बाद बृहत बंगलूरू महानगर पालिका (Bruhat Bengaluru Mahanagara Palike- BBMP) तथा अहमदाबाद नगर निगम का स्थान है।

पीएम स्वनिधि योजना

  • प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (Prime Minister Street Vendors Atma Nirbhar Nidhi- PM SVANidhi) की घोषणा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आर्थिक प्रोत्साहन-II के एक भाग के रूप में की गई थी।
    • इसे 1 जून, 2020 से लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य कोविड-19 लॉकडाउन के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित अपनी आजीविका को फिर से शुरू करने के लिये स्ट्रीट वेंडर्स को सस्ती कार्यशील पूंजी ऋण प्रदान करना है, जिसके लिये 700 करोड़ रुपए का स्वीकृत बजट है।
  • लक्ष्य:
    • शहरी क्षेत्रों में 24 मार्च, 2020 अथवा उससे पहले विक्रय करने वाले 50 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडरों को लाभ पहुँचाना, जिसमें आस-पास के शहरी/ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल हैं।
    • प्रति वर्ष 1,200 रुपए तक की राशि तक कैश-बैक प्रोत्साहन के माध्यम से डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना।

दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (Deendayal Antyodaya Yojana-National Urban Livelihoods Mission- DAY-NULM)

  • यह मिशन वर्ष 2014 में शुरू किया गया था और इसका क्रियान्वयन शहरी आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
  • इसका उद्देश्य कौशल विकास के माध्यम से स्थायी आजीविका के अवसरों को बढ़ाकर शहरी गरीबों का उत्थान करना है
  • यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
  • केंद्र और राज्यों के बीच 75:25 के अनुपात में वित्तपोषण साझा किया जाएगा। पूर्वोत्तर और विशेष श्रेणी के लिये यह अनुपात 90:10 होगा।
  • इसके लक्षित लाभार्थी शहरी गरीब (स्ट्रीट वेंडर, झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले, बेघर, अपशिष्ट एकत्रित करने वाले), बेरोज़गार और दिव्यांग हैं।
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