लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



State PCS Current Affairs

उत्तर प्रदेश

पीएम ने 34,000 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाएँ लॉन्च कीं

  • 11 Mar 2024
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने कुल 34,000 करोड़ रुपए की कई विकास पहलों का उद्घाटन किया।

मुख्य बिंदु:

  • नागरिक उड्डयन क्षेत्र को महत्त्वपूर्ण बढ़ावा देने के लिये, प्रधानमंत्री ने देश भर में कई हवाईअड्डा परियोजनाओं के लिये ज़मीनी कार्य शुरू किया।
    • उन्होंने पुणे, कोल्हापुर, ग्वालियर, जबलपुर, दिल्ली, लखनऊ, अलीगढ़, आज़मगढ़, चित्रकूट, मोरादाबाद, श्रावस्ती और आदमपुर सहित हवाई अड्डों पर 12 नए टर्मिनल भवनों का अनावरण किया।
    • उन्होंने कडप्पा, हुबली और बेलगावी हवाई अड्डों पर तीन नए टर्मिनल भवनों की आधारशिला रखी।
  • उन्होंने लाइट हाउस प्रोजेक्ट (LHP) का भी उद्घाटन किया, जिसने आधुनिक सुविधाओं के साथ 2000 से अधिक किफायती फ्लैटों के निर्माण की सुविधा प्रदान की है।
  • प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित 3700 करोड़ रुपए से अधिक लागत की 744 ग्रामीण सड़क परियोजनाएँ राष्ट्र को समर्पित कीं।
  • इन परियोजनाओं में उत्तर प्रदेश में 5,400 किलोमीटर से अधिक की संचयी लंबाई वाली ग्रामीण सड़कें शामिल हैं, जिससे राज्य के लगभग 59 ज़िलों को लाभ होगा।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY)

  • लॉन्च की गई: 25 दिसंबर, 2000।
  • उद्देश्य: असंबद्ध बस्तियों तक हर मौसम के लिये उपयुक्त सड़क के माध्यम से कनेक्टिविटी प्रदान करना।
  • पात्रता: ग्रामीण आबादी की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिये कोर नेटवर्क में निर्दिष्ट जनसंख्या आकार (500 + मैदानी क्षेत्रों में और पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों, रेगिस्तान तथा जनजातीय क्षेत्रों में वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार 250 +) की असंबद्ध बस्तियाँ।
    • एक असंबद्ध बस्ती वह है जिसकी निर्धारित आकार की आबादी किसी बारहमासी सड़क या किसी जुड़ी हुई बस्ती से कम-से-कम 500 मीटर या उससे अधिक (पहाड़ियों के मामले में 1.5 किमी पथ दूरी) की दूरी पर स्थित है।
    • कोर नेटवर्क: यह सड़कों (मार्गों) का वह न्यूनतम नेटवर्क है जो कम-से-कम एकल ऑल-वेदर रोड कनेक्टिविटी के माध्यम से चयनित क्षेत्रों में सभी पात्र बस्तियों को आवश्यक सामाजिक और आर्थिक सेवाओं तक बुनियादी पहुँच प्रदान करने के लिये आवश्यक है।
  • नवीनतम फंडिंग पैटर्न: राज्यों को फंड आवंटन बाद के वर्षों में राज्यों को स्वीकृत परियोजनाओं के मूल्य के अनुरूप किया गया है।
    • उत्तर-पूर्वी और हिमालयी राज्यों में योजना के तहत स्वीकृत परियोजनाओं के संबंध में केंद्र सरकार परियोजना लागत का 90% वहन करती है जबकि अन्य राज्यों के लिये केंद्र सरकार 60% लागत वहन करती है।
  • ग्रामीण सड़कों का निर्माण: PMGSY के तहत निर्मित ग्रामीण सड़कें भारतीय सड़क कॉन्ग्रेस (IRC) के प्रावधान के अनुसार होंगी।
    • IRC देश में राजमार्ग इंजीनियरों की सर्वोच्च संस्था है।
    • IRC की स्थापना वर्ष 1934 में हुई थी।
  • PMGSY - चरण-I
    • PMGSY - चरण-I को दिसंबर, 2000 में 100% केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लॉन्च किया गया था।
    • योजना के तहत, 1,35,436 बस्तियों को सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करने और 3.68 लाख किमी मौजूदा ग्रामीण सड़कों के उन्नयन का लक्ष्य रखा गया था ताकि खेत से बाज़ार तक पूर्ण कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा सके।
  • PMGSY - चरण-II
  • इसके बाद भारत सरकार ने अपनी समग्र दक्षता में सुधार के लिये मौजूदा ग्रामीण सड़क नेटवर्क के 50,000 किलोमीटर के उन्नयन के लिये वर्ष 2013 में PMGSY-II लॉन्च किया।
  • जबकि चल रही PMGSY - I जारी रही, PMGSY चरण-II के तहत, ग्रामीण बुनियादी ढाँचे को बढ़ाने के लिये गाँव की कनेक्टिविटी हेतु पहले से बनाई गई सड़कों को उन्नत किया जाना था।
  • लागत केंद्र और राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के बीच साझा की गई थी।
  • PMGSY - चरण-III
    • चरण-III को जुलाई 2019 के दौरान कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया था।
    • यह सुविधाओं को प्राथमिकता देता है, जैसे:
      • ग्रामीण कृषि बाज़ार (GrAMs)
        • GrAM, फार्म गेट के नज़दीक खुदरा कृषि बाज़ार हैं जो किसानों की उपज के अधिक कुशल लेनदेन को बढ़ावा देते हैं और सेवा प्रदान करते हैं।
      • उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और
      • अस्पताल।
    • PMGSY-III योजना के तहत, राज्यों में 1,25,000 किलोमीटर लंबी सड़क को समेकित करने का प्रस्ताव है। योजना की अवधि वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक है।

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2