पलवल: बाल जन्म लिंगानुपात में शीर्ष स्थान | 27 Mar 2024
चर्चा में क्यों?
स्वास्थ्य विभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में पलवल ज़िला राज्य में 1,000 लड़कों के मुकाबले 946 लड़कियों के सर्वोत्तम बाल जन्म लिंगानुपात के साथ पहले स्थान पर रहा।
- ज़िले के 25 गाँवों ने 1,000 या उससे अधिक बाल जन्म लिंगानुपात हासिल किया है।
मुख्य बिंदु:
- वर्ष 2022 में यह ज़िला 12वें स्थान पर था। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत पंचकुला में आयोजित एक समारोह में उपायुक्त को 5 लाख रुपए का नकद इनाम मिला।
- जनवरी और दिसंबर 2023 के बीच ज़िले में कुल 28,989 जन्म दर्ज किये गए।
- इस अवधि में 14,899 लड़कों के जन्म के मुकाबले लड़कियों की संख्या 14,090 थी, जिससे औसत लिंगानुपात पहली बार 946 के आँकड़े तक पहुँच गया।
- पंचकुला और फतेहाबाद को 942 एवं 934 के अनुपात के साथ क्रमशः दूसरा तथा तीसरा स्थान मिला।
- जहाँ नूंह और गुरुग्राम चौथे एवं पाँचवें स्थान पर रहे, वहीं रोहतक वर्ष 2023 में सिर्फ 883 के आँकड़े के साथ सबसे नीचे रहा।
- पलवल के पड़ोसी ज़िले फरीदाबाद को वर्ष 2023 में 906 के अनुपात के साथ 16वाँ स्थान मिला।
- वर्ष 2023 में राज्य का औसत बाल लिंगानुपात 906 था।
- बाल लिंगानुपात की गणना 0-6 वर्ष आयु वर्ग में प्रति 1000 लड़कों पर लड़कियों की संख्या के आधार पर की जाती है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान
- इसे जनवरी 2015 में लिंग चयनात्मक गर्भपात (Sex Selective Abortion) और गिरते बाल लिंग अनुपात (Declining Child Sex Ratio) को संबोधित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था, जो 2011 में प्रति 1,000 लड़कों पर 918 लड़कियाँ था।
- यह महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक संयुक्त पहल है।
- यह कार्यक्रम देश के 405 ज़िलों में लागू किया जा रहा है।