उत्तर प्रदेश
रूस में भारतीय दूतावास में घुसपैठ करने वाला पाकिस्तानी गिरफ्तार
- 06 Feb 2024
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चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने मॉस्को में नई दिल्ली के राजनयिक मिशन के सुरक्षा सहायक सतेंद्र सिवाल को गिरफ्तार किया है।
- यह पता चला है कि पाकिस्तान की सैन्य जासूसी एजेंसी ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग सहित रूस के साथ देश के संबंधों के विषय में वर्गीकृत जानकारी प्राप्त करने के लिये मास्को में भारतीय दूतावास में गुप्त सूचना दी थी।
मुख्य बिंदु:
- वह हापुड़ के निवासी थे और विदेश मंत्रालय (MEA) में मल्टीटास्किंग स्टाफ में से एक थे, जो वर्ष 2021 से मास्को में भारतीय दूतावास में सुरक्षा सहायक के रूप में तैनात थे।
- पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के एजेंट के रूप में उनका एक्सपोज़र भारतीय विदेश सेवा (IFS) के ग्रेड बी अधिकारी माधुरी गुप्ता की गिरफ्तारी के लगभग 14 वर्ष बाद आया था, जो इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में तैनात थे और जासूसी के लिये पड़ोसी देश की खुफिया एजेंसी द्वारा इस्तेमाल किया गया था।
- भारत द्वारा यूक्रेन में रूस के "विशेष सैन्य अभियानों" के खिलाफ आवाज़ उठाने से इंकार करने के बाद मॉस्को के साथ नई दिल्ली के संबंध भी संयुक्त राज्य अमेरिका और शेष पश्चिम की जाँच के दायरे में हैं तथा पूर्व सोवियत संघ राष्ट्र के साथ कच्चे तेल व सैन्य हार्डवेयर की खरीद जारी रखने के लिये अमेरिकी एवं यूरोपीय प्रतिबंधों की अवहेलना की।
- नई दिल्ली के एक राजनयिक मिशन में ISI गुप्तचर का अंतिम सार्वजनिक प्रदर्शन तब हुआ था जब वर्ष 2008 में 26 से 28 नवंबर के बीच लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई में 26/11 के नरसंहार को अंजाम दिया था, जिसमें 166 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए थे।
- माधुरी गुप्ता इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में तैनात थीं, जब उन्हें ISI एजेंटों ने लालच दिया था, जिन्होंने उनका इस्तेमाल पाकिस्तानी राजधानी में नई दिल्ली के राजनयिक मिशन से वर्गीकृत जानकारी हासिल करने के लिये किया था।
- भारत की खुफिया एजेंसियों ने उसे जाँच के घेरे में ले लिया और यह पुष्टि हो गई कि वह ISI के लिये कार्य कर रही थी। उन्हें कुछ आधिकारिक कार्य के लिये नई दिल्ली बुलाया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में उन्हें दोषी ठहराया गया और जेल में डाल दिया गया। वर्ष 2021 में उनका निधन हो गया।